अस्पतालों में निरीक्षण को उड़न दस्ते का गठन
हरिद्वार। कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन के सदुपयोग और मनमाने दाम पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी सी रविशंकर ने उड़न दस्ते का गठन किया है। उड़न दस्ता हर रोज एक बार एक अस्पताल का निरीक्षण कर जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट देगा। उड़न दस्ते में शामिल तीन-तीन लोगों की टीम को अलग अलग अस्पतालों का निरीक्षण करने का काम सौंपा गया है। सरकारी अस्पतालों समेत जिले में 19 अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया गया है। उड़न दस्ते में शामिल तीनों अधिकारी निरीक्षण के दौरान अलग-अलग तरीके से काम करेंगे। टीम में शामिल चिकित्सक पीपीई किट पहनकर अस्पताल के कोविड वार्ड और आईसीयू आदि का भौतिक सत्यापन करेंगे। आक्सीजन के प्रयोग का रेगुलर आडिट किया जाएगा। आईसीएमआर तथा एम्स द्वारा निर्धारित कोविड क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के अनुपालन की समीक्षा भी करेगी। टीम में शामिल पुलिस अधिकारी अस्पताल में ऑक्सीजन भंडारण का निरीक्षण व सुरक्षा, अस्पताल की सुरक्षा के साथ कार्यरत स्टाफ की सुरक्षा का भी निरीक्षण करेंगे। जबकि टैक्स आफिसर शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुपालन में अस्पताल के अभिलेखों की समीक्षा करेंगे। अस्पताल में भर्ती रोगी के परिजनों से भी जानकारी लेंगे। मौके पर निरीक्षण के दौरान जो भी खामिया निकलेगी टीम उनकी जानकारी तुरंत सीएमओ को देगी। सीएमओ को पहले ही लापरवाह अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
ये है टीम में शामिल: उड़न दस्ता टीम में एक चिकित्सक, एक पुलिस अधिकारी और एक राज्य कर विभाग से अधिकारी को शामिल किया गया है। हर टीम को छह-छह अस्पताल निरीक्षण को दिए गए हैं।
आरोपों के घेरे में है कई अस्पताल: निजी कोविड अस्पतालों पर मनमर्जी शुल्क वसूलने के आरोप लगाए जा रहे हैं। बीते शुक्रवार को ज्वालापुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन गुप्ता ने भी जिलाधिकारी को लिखित शिकायत दी है। तीन दिन पहले ही सिडकुल में कोविड संक्रमित एक स्वास्थ्य कर्मी ने वीडियो वायरल कर अस्पताल प्रबंधन पर आयुष्मान कार्ड नहीं लेने और मनमर्जी शुल्क लेने का आरोप लगाया था। सराय में स्वयं जिला प्रशासन की टीम ने एक निजी अस्पताल पर छापा मारकर उसे सील किया था।