क्या इस्राइल-गाजा पर बदल रहा अमेरिका का रुख?
नई दिल्ली, एजेंसी। इस्राइल और हमास के बीच हिंसक लड़ाई जारी है। 14 दिन से राजी संघर्ष ने दुनिया को भी दो धड़ों में बांट दिया है। एक तरफ यूरोपीय देश खुलकर इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, अरब देश फलस्तीन के लोगों पर हमले की निंदा कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इस्राइल पहुंचे। बाइडन के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी अपना समर्थन जताने इस्राइल पहुंचे।
इन सबके बीच अमेरिका के बदले बयानों की भी खूब चर्चा हो रही है। एक तरफ वह शुरू से ही इस्राइल का समर्थन कर रहा है। दूसरी तरफ उसकी तरफ से कहा जाता है कि युद्ध के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। एक ओर अमेरिका संयुक्त राष्ट्र संघ में ब्राजील के प्रस्ताव पर वीटो लगा देता है। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन गाजा के लिए मदद का एलान कर देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अमेरिका का रुख है क्या? क्या सच में अमेरिका का रुख बार-बार बदल रहा है? बाइडन ने इस्राइल दौरे में क्या हुआ? अब अमेरिका में बाइडन ने किसका पक्ष लिया है? आइये समझते हैं…
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइल पर अचानक हमला कर दिया। हमास ने गाजा से सुबह अचानक थोड़े-थोड़े अंतराल पर इस्राइली शहरों पर ताबड़तोड़ करीब 5,000 रॉकेट दागे। यही नहीं, हमास के बंदूकधारी इस्राइली शहरों में भी घुस गए और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर हमले किए। कई इस्राइली सैनिकों को बंधक भी बना लिया और सैकड़ों लोग मारे गए।
हमले के अगले दिन यानी आठ अक्तूबर की सुबह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की। इस दौरान उन्होंने हमास आतंकियों के हमले की निंदा की और स्पष्ट किया कि अमेरिका हर तरह की मदद के लिए तैयार है। बाइडन ने कहा कि आतंक कभी भी स्वीकार्य नहीं किया जाएगा और इस्राइल को खुद की और अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है।
इसके साथ ही बाइडन ने इस स्थिति में लाभ चाहने वाले किसी भी अन्य इस्राइल विरोधी दल को कड़ी चेतावनी दे डाली। इस्राइल की सुरक्षा के लिए मेरे प्रशासन का समर्थन दृढ़ और अटूट है।
राष्ट्रपति बाइडन ने 12 अक्तूबर को व्हाइट हाउस में यहूदी नेताओं की गोलमेज बैठक को संबोधित किया। इस दौरान बाइडन ने हमास के हमलों को बेहद क्रूर बताया। बाइडन ने कहा कि उनका मानना है कि होलोकॉस्ट के बाद यह यहूदियों के लिए सबसे घातक दिन है। बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों ने 60 लाख यूरोपीय यहूदियों की हत्या कर दी थी। इसी नरसंहार को होलोकॉस्ट कहा जाता है। यहां बाइडन ने यह भी कहा कि इस्राइल को कोई भी कार्रवाई युद्ध के नियमों के अनुसार करनी चाहिए।
इस्राइल-हमास लड़ाई के बीच 13 अक्तूबर को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इस्राइल पहुंचे। इस्राइल दौरे के दौरान ब्लिकंन ने कहा कि इस्राइल जवाबी कार्रवाई कर रहा है, लेकिन उसका लक्ष्य फलस्तीनी नागरिक नहीं है।
ब्लिंकन ने आगे कहा कि हमास नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। हमास को पहले तो बुनियादी मुद्दे को जानना चाहिए। इस्राइल खुद को आतंकवाद से बचाने के लिए सुरक्षा अभियान चला रहा है। इस्राइली सरकार से चर्चा के दौरान हमने सुनिश्चित किया कि गाजा में रहने वाले लोगों की मानवीय जरूरतों का ख्याल रखा जाए। गाजा के नागरिकों को नुकसान से बचाने की हर संभावनाओं पर बात की गई। इसके अलावा बाइडन ने राष्ट्रपति बाइडन के रूख को भी दोहराया।
15 अक्तूबर को एक साक्षात्कार के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने गाजा पट्टी पर लंबे समय से कब्जा करने की कोशिश पर इस्राइल को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इस्राइल को लंबे समय तक गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में नहीं रखना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस्राइल युद्ध के नियमों के अनुसार कार्य करेगा। निर्दोष नागरिकों को दवा, पानी और भोजन पहुंचाया जाएगा।
सात अक्तूबर से शुरू हुए युद्ध के कुछ दिनों बाद शांति वार्ता होने की उम्मीदें जगीं। हालांकि, 17 अक्तूबर को गाजा के अस्पताल में हुए रॉकेट हमलों ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत का दावा किया गया। इसी हमले की वजह से 18 अक्तूबर को जॉर्डन में होने वाला शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शामिल होने वाले थे।
ब्लिंकन के बाद 18 अक्तूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस्राइल पहुंचे। बाइडन का दौरा उस समय हुआ, जब गाजा में एक अस्पताल में रात को एक भीषण धमाका हुआ। इसे लेकर जहां फलस्तीन के संगठनों ने इस्राइल पर आरोप लगाए हैं, वहीं इस्राइल ने इसके पीछे फलस्तीन इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार बताया है। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर के बीच तेल अवीव पहुंचे बाइडन का जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर बाइडन और नेतन्याहू ने गले लगकर एकजुटता का संदेश दिया। जब दोनों नेता मिले तो अमेरिकी पक्ष ने इस्राइल के लिए समर्थन दोहराया। वहीं नेतन्याहू से बातचीत के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन ने कहा कि अस्पताल पर हमले के पीछे किसी और का हाथ लगता है। इस दौरान बाइडन ने यह भी कहा कि हम यहां से कहां जाएं, इस पर विस्तृत चर्चा की उम्मीद कर रहे हैं।