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केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते की घोषणा में देरी; क्या इससे मोटा लाभ कमा रही सरकार?

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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते ‘डीए’ की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद मोटा लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव का कहना है कि नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। पिछले साल सितंबर में डीए की घोषणा की गई थी, लेकिन इस बार अभी तक सरकार ने डीए बढ़ोतरी को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है।  कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने इसी सप्ताह केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि डीए की बढ़ी हुई दर की घोषणा जल्द की जाए। इसका नुकसान कर्मियों को होता है तो दूसरी तरफ सरकार डीए वृद्धि की घोषणा में देरी कर उस राशि का ब्याज कमा लेती है।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी. श्रीकुमार ने कहा कि सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। केंद्र सरकार के लगभग 48 लाख कर्मियों और 62 लाख पेंशनरों को डीए/डीआर में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है। ऐसे में सरकार को हजारों करोड़ रुपये कर्मियों की सेलरी में देने पड़ते हैं। अगर यह राशि देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है।

केंद्र सरकार ने 2020 के शुरु में यह घोषणा की थी कि सरकारी कर्मियों को डीए/डीआर व दूसरे भत्ते नहीं मिलेंगे। जेसीएम के सदस्य सी श्रीकुमार ने कहा, केंद्र सरकार ने कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार ने उस वक्त कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर 36 हजार करोड़ रुपये बचा लिए थे।

तब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उस वक्त उन्होंने एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का अर्थ यह था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई, जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक डीए/डीआर फ्रीज कर दिया गया था।

केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने से रुके डीए एरियर के भुगतान को लेकर कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को कई तरह के विकल्प सुझाए थे। इनमें एरियर का एकमुश्त भुगतान भी शामिल था। इतना ही नहीं, स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा व अन्य सदस्यों ने एरियर जारी करने को लेकर सरकार से यह भी कहा था कि अगर वह किसी दूसरे तरीके पर चर्चा करना चाहती है तो कर्मचारी संगठन उसके लिए भी तैयार हैं।

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत के एरियर का बकाया देने के लिए भारतीय पेंशनर्स मंच ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी। मंच ने पीएम को लिखी चिट्ठी में इस मामले का शीघ्र निस्तारण करने का आग्रह किया था। मंच की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार की ओर से अगर बकाया एरियार का भुगतान जाता है तो उसका सीधा फायदा मौजूदा 48 लाख कर्मचारियों व 62 लाख पेंशनभोगियों को पहुंचेगा। हालांकि इस संबंध में सरकार की ओर से अब तक कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है।

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