उत्तरकाशी : जाड़ भोटिया समुदाय का लोसर पर्व शुरू हो गया है। पर्व के तहत पहले दिन जाड़ भोटिया समुदाय के लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर दीपावली मनार्ई। जबकि शनिवार को गांव में जौ की हरियाली वितरित कर एक दूसरे को नए साल की बधाई दी और कुशलता की कामना की।
उत्तरकाशी जिले के भागीरथी नदी तट पर स्थित जाड़ भोटिया समुदाय की मौजदूगी एक विशिष्ट संस्कृति का एहसास कराती है। खासतौर पर समुदाय के पारपरिक लौसर पर्व पर उमंग और उल्लास का माहौल चरम पर रहता है। संस्कृति और परंपराओं के इस लोक पर्व पर दीपावली, दशहरा व होली तीनों पर एक साथ मनाये जाने के साथ ही बौद्ध पंचाग के अनुसार नव वर्ष का स्वागत किया जाता है। इसी पर्व के तहत शुक्रवार देर सांय को समुदाय के लोगों ने अपने-अपने घरों में पहले छिलके जलाए। इसके बाद सभी लोग छिलके लेकर मशाल के रूप में हुंडा बाजार से होते हुए गंगोत्री हाईवे पर स्थित एक चौराह पर एकत्रित हुए। जहां पर सभी ने छिलके विसर्जित किए और दुख रोग एवं अशांति को नष्ट करने की कामना की।
शनिवार को समुदाय के लोगों ने जौ की हरियाली को काटकर दशहरा और नया साल मनाया। इस मौके कार्यक्रम में शामिल हुए गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने समुदाय के सभी लोगों को बधाई दी और कुशलता की कामना की। ग्राम प्रधान वीरपुर सुनीता और मनीष नेगी ने बताया कि बौद्ध पंचांग के अनुसार पारंपरिक लोसर पर्व का आगाज हो चुका है। शनिवार को पहले दिन दीपावली मनाई गई। वहीं शनिवार को पर्व के दूसरे दिन दशहरा के रूप में मनाया गया। जिसमें समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को हरियाली वितरित कर नूतन वर्ष की शुभकामनाएं दी। (एजेंसी)