जयन्त संस्थापक नरेन्द्र उनियाल की जयन्ती पर युवा पत्रकार को मिलेगा सम्मान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। साहित्यांचल संस्था सहित्यांचल के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में दिवगंत महान विभूतियों को श्रद्धाजंलि दी गयी। धधकता पहाड़ व जयन्त के संपादक स्व. नरेन्द्र उनियाल, अमर शहीद श्रीदेव सुमन, हिन्दी के प्रथम डी. लिट डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल व साहित्याकार रमेश कुमार मिश्र ‘सिद्धेश’ का भाव पूर्ण स्मरण किया गया। कार्यक्रम में दैनिक जयन्त के संपादक नागेन्द्र उनियाल द्वारा नरेन्द्र उनियाल की जयन्ती पर युवा पत्रकार सम्मान प्रति वर्ष 12 मार्च को देने का निर्णय लिया गया।
चार दिवंगत विभूतियों के पुण्य स्मरण में स्मृति दिवस कार्यक्रम सूक्ष्म रूप से मनाया गया। इस अवसर पर कोटद्वार को विश्वविद्यालय आवंटित/स्वीकृत करने विषयक डॉ. ढौड़ियाल के प्रस्ताव का समर्थन कर स्थानीय विधायक एवं काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के माध्यम से प्रस्ताव मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री को भेजने का निर्णय लिया गया।
वक्ताओं ने कहा कि धधकता पहाड़ के संपादक के रूप में पत्रकार नरेन्द्र उनियाल ने जनपक्षीय पत्रकारिता को नई धार दी। वह एक संवेदनशील पत्रकार थे जो अंतिम समय तक सामाजिक उत्थान में जुटे रहे। उक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने आपातकाल का प्रबल विरोध किया और जेल की यातना सही, वह सदैव पहाड़ के सरोकारों के लिए सक्रिय रहे। उन्होंने अनके ग्रंथों का सृजन किया। वह एक अच्छे पत्रकार-लेखक भी थे। वक्ताओं ने कहा कि श्रीदेव सुमन जनहितों के लिए समर्पित थे। उन्होंने अपने अल्पकालिक जीवन में अनकेआयाम स्थापित किये। टिहरी को राजशाही से मुक्त कराने में जहां उनकी प्रमुख भूमिका थी, वहीं एक पत्रकार-साहित्यकार के रूप में वह राष्ट्रवाद के प्रबल पैरोपकार थे। उन्होंने अपने आदर्शों व सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया और मानवता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। डॉ. पिताम्बद दत्त बड़थ्वाल विशिष्ट प्रतिभा के धनी हिंदी के श्रेष्ठ साहित्यकार थे। द निर्गुण स्कूल ऑफ हिंदी पोयट्री विषय पर उन्होंने हिंदी साहित्य में प्रथम डी. लिट की उपाधि अर्जित की। उन्होंने कहा कि साहित्यकार रमेश मिश्र प्रकृति के अदभुत चितेर व कला प्रेमी थे। साहित्यांचल की स्थापना में उनकी प्रखर भूमिका थी। नई पीढ़ी के रचनाशील अनेक लोगों को आगे बढ़ाने में भी वह सतत सचेष्ट रहे। कार्यक्रम में चक्रधर शर्मा कमलेश, डॉ. नंद किशोर ढौड़ियाल, डॉ. ख्यात सिंह चौहान, विनोद कुकरेती, बलवीर सिंह रावत, विजय लखेड़ा, एपी डंगवाल, ललन बुड़ाकोटी, डॉ. चंद्रमोहन बड़थ्वाल, सुभाष नौटियाल, ऋषि कंडवाल, सुशील काला, गुलशन कंडवाल, जनार्दन बुड़ाकोटी आदि मौजूद थे। (फोटो संलग्न है)
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