जिला स्तरीय वन अग्नि सुरक्षा समिति की हुई बैठक

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– वन विभाग इच्छुक ग्रामीणों को चिह्नित कर वनाग्नि से बचाव व रोकथाम के लिए प्रशिक्षित करे: डीएम
रुद्रप्रयाग। जिला स्तरीय वन अग्नि सुरक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में अग्नि सुरक्षा योजना के उद्देश्य, दावाग्नि के प्रकार, इसके कारण, वन अग्नि दुर्घटना के दुष्परिणाम व नियंत्रण के उपाय के अलावा वनाग्नि काल 2021 की चुनौतियों को लेकर जरूरी चर्चा की गई। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि वनाग्नि के दौरान सबसे पहले रेस्पोंडेंट ग्रामीण होते है, ऐसे में वन विभाग गांव में ही इच्छुक लोगों को चिह्नित कर वनाग्नि से बचाव व रोकथाम के लिए उन्हें प्रशिक्षित करे। आम आदमी क्षेत्र में लगने वाली वनाग्नि की सूचना वन विभाग या कंट्रोल रूम को समय पहुंचा सके, इसके लिए अति संवेदनशील स्थलों पर वाल पेंटिंग के माध्यम से नम्बरों का प्रचार प्रसार किया जाए। विद्युत विभाग को पेड़ों की लॉपिंग करने, वन विभाग को हर वनाग्नि की घटना की रिपोर्टिंग, वनाग्नि घटनाओं की मैपिंग करने के निर्देश दिए। इस मौके पर उप वन संरक्षक वैभव कुमार सिंह ने अग्नि सुरक्षा योजना के उद्देश्य को लेकर कहा कि जनपद में समस्त आरक्षित, पंचायती व सिविल वन क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा के लिए अग्नि निवारक तथा अग्नि नियंत्रण के उपाय, वनाग्नि के दुष्परिणामों के प्रति जन-जागरुकता किए गए हैं। गोष्ठियों के माध्यम से स्थानीय निवासियों की सहभागिता, अग्नि दुर्घटनाओं के लिए दोषियों को दंडित करने सहित दावाग्नि से वन एवं वन्य जंतुओं की सुरक्षा कर पर्यावरण संतुलन महत्व पर उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने वनों में लगने वाली आग के कारणों को लेकर कहा कि मेघ गर्जन के दौरान बिजली गिरना, मोटर वाहनों के धुंए के साथ निकली चिंगारियों, वन क्षेत्रों से जाती हुई विद्युत लाइनों में शॉर्ट सर्किट के अलावा जन सामान्य द्वारा लापरवाही के कारण भी वनाग्नि की घटनाएं घटित होती हैं। उन्होंने जिले में बीते दस वर्षों के दौरान हुई अग्नि दुर्घटनाओं का भी विवरण रखा।

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