कम कोरोना टेस्ट पर हाई कोर्ट सख्घ्त, प्रदेश सरकार से 13 जुलाई तक जवाब मांगा

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नैनीताल्। उत्तराखंड में रोजाना औसतन 1100-1200 कोरोना की टेस्टिंग हो रही है, यह फिगर बेहद कम है। सरकार को टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। हाई कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में 13 जुलाई तक रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, हरिद्वार के सच्चिदानंद डबराल व अन्य की जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कोरोना के लकडाउन के बाद राज्य में तीन लाख से अधिक प्रवासी लौट चुके हैं मगर प्रवासियों के साथ ही यहां के निवासियों के करीब 65 हजार ही कोरोना टेस्ट हुए हैं। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया कि नैनीताल के मुक्तेश्वर में आइवीआरआइ में कोरोना टेस्ट लैब ने काम करना आरंभ कर दिया है। इसके अलावा प्राइवेट लैबों को टेस्टिंग को लेकर निविदा जारी की जा चुकी है। खंडपीठ ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग बेहद कम हो रही है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 13 जुलाई नियत की गई है।

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