हरिद्वार में आज होगा कार्तिक पूर्णिमा स्नान
हरिद्वार। सोमवार को हरिद्वार में होने जा रहे कार्तिक पूर्णिमा स्नान को सकुशल संपन्न कराए जाने को लेकर एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में पुलिस बल को ब्रीफ करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। ब्रीफिंग के दौरान कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व का विशेष महत्व एवं लाखों की संख्या में पवित्र हर की पैड़ी पर गंगा स्नान पर आने वाले श्रद्धालुगण की संभावनाओं और व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। स्थानीय अभिसूचना ईकाई के अधिकारी गुप्त रूप से पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी नजर रखेंगे। साथ ही प्रत्येक जोन में नियुक्त अन्य अधिकारीगण के साथ मिलकर क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्तियों से समन्वय स्थापित कर किसी भी समस्या पर तत्काल उसका निवारण करेंगे। मेला सकुशल हो इसके लिए पूरे मेला क्षेत्र को 9 जोन 33 सेक्टरों में बंटा गया है. जिसमें सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी नजर रखी जायेगी। मेला ड्यूटी में जिले की पुलिस के अलावा पीएसी की 2 कंपनी सहित जल पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम भी लगाई गई है। साथ ही भारी वाहनों पर स्नान के दौरान शहर में प्रवेश वर्जित रहेगा।
ब्रीफिंग के दौरान दिये गये दिशा निर्देश: विगत स्नानों में देखा गया कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर अचानक से भीड़ बढ़ जाती है। जिससे पहले से ही छोटी बड़ी सभी तैयारी करके रहना है। प्रत्येक जोनल अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में वैकल्पिक मार्गों का भीड़ बढ़ने की दशा में उपयोग कर जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करेंगे.प्रत्येक प्वाइंट पर नियुक्त पुलिसकर्मी का अपना विशेष महत्व है। थोड़ी सी भी लापरवाही से कोई भी समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए सभी लोग अपनी अपनी जिम्मेदारियों का दृढ़ता एवं संयम के हाथ निर्वहन करेंगे। मनसा देवी, चंडी देवी में ड्यूटी प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे की श्रद्धालुगण कतार में ही आगे बढ़ें। भीड़ का दबाव बढ़ने पर तत्काल कंट्रोल रूम को जानकारी देने के साथ व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखेंगे। महिला घाट पर नियुक्त महिला कर्मी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन करें। इस स्थान पर अधिक भीड़ की संभावनाएं रहती हैं। प्रत्येक महिला एवं उसके परिजन उसी के आसपास रहते हैं। किसी को स्नान के लिए बहुत अधिक समय नहीं दिया जाए। महिला घाट से श्रद्धालुओं को लगातार बाहर निकालते रहना है। स्नान के दौरान दो पारियों में क्रमश: 12-12 घंटे की ड्यूटी की व्यवस्था बनाई गई है। जिसके लिए प्रत्येक कर्मी को सही समय पर आकर मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना है। स्नान के दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं के डूबने की संभावनाएं बनी रहती है। घाटों पर नियुक्त जल पुलिस की टीमें लगातार मौजूद व सतर्क रहें। जिससे कि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। स्नान पर्व के दौरान अप्रिय घटनाओं की रोकथाम के लिए बम निरोधक दस्ते/श्वान दल की टीमें नियुक्त की गई हैं। घाटों के संवेदनशील स्थानों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व अपर रोड मेला क्षेत्र में चेकिंग जारी रहे। क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए घुड़सवार पुलिस की दो टीमें नियुक्त की गई हैं। स्नान पर्व समाप्ति तक जनपद में भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के लिए 9 पुलिस उपाधीक्षक, 16 निरीक्षक/थानाध्यक्ष, 59 उ0नि0/अ0उ0नि0, 4 म0उ0नि0, 87 अ0उ0नि0, बीडीएस/ डॉग स्क्वायड- 02 टीम, घुड़सवार पुलिस- 02 टीम/04 घोड़े, जल पुलिस- 4 टीम कर्मचारी, पीएसी- 02 कंपनी+ 01 प्लाटून डेढ़ सेक्शन, फायर- 03 यूनिट लगाई गई हैं।