खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद रिक्त, नहीं हो पा रही बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों कीजांच
रुद्रप्रयाग। ढाई लाख आबादी वाले जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग में स्वीकृत जिला अभिहित अधिकारी समेत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पांच पद रिक्त चल रहे है। जिससे बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की जांच नहीं हो पा रही है। जबकि चारधाम यात्रा के अहम पड़ाव भी इसी जिले में हैं। रुद्रप्रयाग शहर के साथ ही तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, जखोली, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, गौरीकुंड बडे़ कस्बों में नियमित छापेमारी की कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जिससे व्यवसायी इसका फायदा उठा रहे हैं।
त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से खाद्य पदार्थों में मिलावट की आशंका रहती है। ऐसी परिस्थिति में जांच की पर्याप्त व्यवस्था न होने से स्थिति और विकट हो जाती है। फिलहाल कामचलाऊ व्यवस्था के तहत पौड़ी जनपद के अभिहित अधिकारी को रुद्रप्रयाग का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। इससे आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैैं कि बिना अधिकारियों के कैसे जनता की खाद्य सुरक्षा हो सकेगी। वर्ष 2013 से जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग बिना अधिकारियों के चल रहा है। इससे पूर्व भी मात्र एक अभिहित अधिकारी के भरोसे ही पूरा विभाग संचालित होता था। हालांकि विभाग में एक अभिहित अधिकारी, चार खाद्य सुरक्षा अधिकारी के स्थायी पदों के सापेक्ष एक कंप्यूटर आपरेटर एवं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद सृजित है। जिसमें एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी जिला मुख्यालय के साथ ही एक-एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद ब्लॉक अगस्त्यमुनि, जखोली एवं ऊखीमठ के लिए सृजित था, लेकिन सात वर्ष से विभाग बिना अधिकारियों के ही संचालित हो रहा है। अब त्योहारी सीजन भी शुरू हो गया। जिससे बाजारों में छापेमारी अभियान चलाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाहरी क्षेत्रों से आने वाले नकली मावा एवं मिठाइयों से शहरवासियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादातर देखने को मिलती है।
पौड़ी जनपद के जिला अभिहित अधिकारी के पास ही रुद्रप्रयाग जनपद का अतिरिक्त कार्यभार है। जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती को लेकर समय-समय पर शासन से पत्राचार चल रहा है, लेकिन अभी तक स्थायी अधिकारियों की तैनाती नहीं हो सकी है। -डॉ. वीके शुक्ला, मुख्य चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य विभाग रुद्रप्रयाग