खोह नदी में रातभर खुलेआम हो रहा अवैध खनन, प्रशासन मौन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार क्षेत्र की नदियों में अवैध खनन जोरों पर है। राजस्व व वन विभाग की लापरवाही से अवैध खननकारी प्रतिदिन दिन-रात खोह नदी से भारी तादाद में उपखनिज की चोरी कर रहे है, जिससे सरकार को हर रोज लाखों रुपये के राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। क्षेत्र की मालन व सुखरो नदियां वन महकमे के अंतर्गत हैं, जबकि खोह नदी में राजस्व क्षेत्र में पड़ने वाले हिस्से में खनन होता है।
खोह नदी में दिन-रात धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां प्रतिदिन नदी से सैकड़ों टन रेत, बजरी व पत्थर का उठान कर रही हैं। पूर्व में अवैध खनन रात में होता था, लेकिन अब खननकारियों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि रात-दिन खनन का कार्य धड़ल्ले से होता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से लाए गए मजदूर दिन-रात नदियों में खनन करते देखे जा सकते हैं। नदी से उठाया गया उपखनिज भी क्षेत्र की सीमाओं से बाहर भेजा जा रहा है और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। खोह नदी में रात के समय खनन होने से नदी किनारे रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध खनन में लगे वाहनों की आवाजाही से वह चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे है। वहीं अवैध खननकारियों ने नदियों के किनारे बने तटबंधों की नींव भी खोद दी है। इससे तटबंधों को खतरा बना हुआ है। ऐसे में बरसात के समय नदियों के आसपास रहने वाले लोगों को बाढ़ का खतरा हो सकता है। हालत यह है कि इस संबंध में कई बार शिकायत करने पर भी जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं भाबर में सुखरो और मालन नदी में भी धड़ल्ले से अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। नदियों में पूरी रात ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का जमावड़ा लगा रहता हैं।
उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स गठित की गई है। टीम में वन विभाग, पुलिस विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। पिछले तीन-चार दिन में अवैध खनन में लिफ्त करीब 12 टैक्टर ट्रालियों को सीज किया गया है।
प्रतिबन्ध के बावजूद भी दिन-रात चल रहा खनन
खोह, सुखरौ, और मालन नदी में अवैध खनन का कारोबार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह से लेकर शाम तक अवैध खनन कारोबारी सक्रिय रहते हैं। हालांकि आजकल नदियों में खनन पर प्रतिबंध है इसके बावजूद अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। कोटद्वार में सुबह से लेकर देर शाम तक बेखौफ रेत, पत्थरों का अवैध खनन किया जा रहा है। इस कार्य को बड़े ही सुनियोजित ढंग से कई लोग अंजाम दे रहे हैं। खोह, मालन, सुखरौ नदी से रात के अंधेरे में रेत और पत्थर का अवैध खनन करने के बाद उसे चुनिंदा स्थानों पर स्टोर करने के बाद अपनी सहूलियत के हिसाब से ट्रैक्टरों के जरिए बेचा जाता है। हालात यह हैं कि उक्त नदियों में खनन कार्य में लगे मजदूरों ने कई फीट गहरे गढ्ढे खोद दिये हैं। शासन-प्रशासन को सूचना होने के बावजूद भी इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। जिस कारण अवैध खननकारियों के हौसलें बुलंद है। आलम यह है कि उक्त नदियों में दिन में खच्चर, गधे और रात में ट्रैक्टर के माध्यम से खनन किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अवैध खनन का कारोबार अब दिन में भी चल रहा है। पहले खनन माफिया रात के अंधेरे में 10 बजे के बाद खनन करते थे, लेकिन अब सारा दिन अवैध खनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन जब दिन में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है तो रात में हो रहे खनन पर रोक लगाने की उम्मीद ही क्या करनी है। खनन सामग्री से दौड़ते ट्रैक्टरों के कारण जहां लोगों की नींद खराब हो रही है वहीं सड़कों पर पैदल चलने वालों को भी हर वक्त खतरा बना रहता है।