किच्छा में लाकडाउन के दौरान गरीबों के राशन की कालाबाजारी का मामला हाई कोर्ट पहुंंचा
नैनीताल । ऊधमसिंह नगर जिले की किच्छा तहसील में कोरोना लाकडाउन के दौरान गरीबों के राशन की कालाबाजारी का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने इस मामले में दायर जनहित वयाचिका पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तिथि नियत की है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की विशेष पीठ में किच्छा निवासी निखिलेश व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि लाकडाउन के दौरान सस्ते गल्ले की दुकानों में सरकार द्वारा गरीबों के लिए राशन भेजा गया था मगर यह राशन गरीबों तक नहीं पहुंच पाया। याचिकाकर्ता का कहना था कि किच्छा तहसील में दो लाख 80 हजार राशनकार्ड धारक हैं जबकि सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने इनकी संख्या बढ़ाकर तीन लाख 28 कर दी।
आरोप लगाया कि एक ही आदमी के अनेक बीपीएल राशन कार्ड बने हैं। ऐसे भी कार्डधारक हैं, जो सरकारी अफसर होने के बाद उन्हें गरीबों के कोटे का राशन दिया गया। पात्रों को राशन देने के बजाय बाजार में ब्लैक कर दिया गया। इसकी शिकायत जब पीएमओ में की गई तो जांच के आदेश भी जारी हुए मगर जिलाधिकारी द्वारा अब तक मामले में जांच नहीं बैठाई गई। याचिकाकर्ता ने इस अनियमितता की सीबीआइ से कराने की मांग की है। याचिका में 15 राशन डीलरों समेत भारत सरकार, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सहित सीबीआई को पक्षकार बनाया है।