लोकसभा में कृषि कानूनों पर हंगामा: कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित की गई
नई दिल्ली, एजेंसी ।नवंबर के अंतिम सप्ताह से षि कानूनों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन आज अपने 69वें दिन में प्रवेश कर चुका है। जहां 26 जनवरी से पहले दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसान आंदोलन आसानी से चल रहा था वहीं अब तमाम सीमाओं पर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई किलेबंदी और घेरेबंदी से किसानों को जरूरी सामान के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। हालांकि उनका हौसला अब भी नहीं टूटा है और किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी वह घर वापस नहीं जाएंगे। आज शिवसेना नेता संजय राउत भी किसान आंदोलन का समर्थन करने गाजीपुर बर्डर पहुंचेंगे। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि विपक्ष भ्रामक प्रचार फैला रहा है कि नए कृषि कानून लागू होते हैं तो किसानों की जमीन चली जाएगी। मैं ईमानदारी से कहता हूं कि अगर किसानों की जमीन का एक भी इंच चला गया तो मैं हमेशा के लिए अपना मंत्री पद और राजनीति छोड़ने के लिए तैयार हूं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सरकार प्रतिबद्घ है। दिल्ली में पंजाब के कांग्रेस सांसदों ने किसानों के मुद्दे पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं,लोकसभा में विपक्षी दल कृषि कानूनों को वापस लेने का नारेबाजी की। जिसके बादलोकसभा शाम 7 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने किसान आंदोलन की जगहों पर बाड़बंदी और बैरिकेडिंग को लेकर बचाव किया है। उन्होंने कहा कि जब 26 जनवरी को ट्रैक्टरों से पुलिसकर्मियों पर हमले हो रहे थे तब किसी ने सवाल नहीं उठाए। हमने केवल बैरिकेडिंग को थोड़ा मजबूत किया है ताकि इसे फिर से नहीं तोड़ा जा सके।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस़एऩश्रीवास्तव पीतमपुरा के डीसीपी अफिस आउटर डिस्ट्रिक्ट में किसान रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा आप सभी वीर है आपने बहुत अच्छा काम किया। दिन हो या रात आप ड्यूटी कर रहे हैं। आपका इलाज सरकारी खर्च से होगा।
अक्तूबर तक चलेगा आंदोलन: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि,हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्तूबर तक चलेगा। अक्तूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई।
पुलिस द्वारा गाजीपुर बर्डर पर कटीले तारों और बैरिकेडिंग से जो घेराबंदी की गई है उसके बाद मंगलवार को राकेश टिकैत ने बैरिकेडिंग के पास ही बैठकर खाना खाया। वह बोले कि हम किसान हैं कोई अपराधी नहीं जो इस तरह की किलेबंदी की गई है। इस दौरान वह भावुक भी हो गए।
शिवसेना के नेता संजय राउत यूपी गेट पहुंच चुके हैं। वह यहां पहुंचकर पहले राकेश टिकैत से मिले फिर मंच पर जाने का प्रयास करने लगे लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि वह मंच तक नहीं पहुंच सके। फिर वह कार में बैठकर यहां से निकल गए। पहले तो लोगों को लगा कि वह चले गए लेकिन अब वह कार के जरिए ही पीटे के रास्ते से मंच तक पहुंच रहे हैं। हालांकि वह मंच के ऊपर नहीं चढ़ेंगे लेकिन मंच के पास तक जाकर लोगों को संबोधित जरूर करेंगे। बता दें कि किसान आंदोलन में किसान राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से अपना मंच नहीं साझा कर रहे ऐसे में जो भी नेता आता है वह मंच के नीचे से ही अपनी बात लोगों के सामने रखता है।
पीएम मोदी ने किसानों के मुद्दे पर बीते दिनों ये बयान दिया था कि उनकी सरकार किसानों से बस एक फोन कल की दूरी पर है, किसान जब चाहें षि मंत्री से बात कर सकते हैं। मंगलवार को गाजीपुर बर्डर पर इसे लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि, सरकार कह रही है कि सरकार और किसान के बीच सिर्फ एक कल की दूरी है तो सरकार वह नंबर बता दे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से दिल्ली के चारों तरफ पुलिस ने बैरिकेडिंग की है उससे साफ दिखाई दे रहा है कि आने वाले समय में रोटी इसी तरह कैद हो जाएगी।