किसान सभा ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का विरोध किया

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नई टिहरी । उतराखंड किसान सभा टिहरी शाखा के पदाधिकारियों ने बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी का विरोध किया है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष और सचिव ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश विद्युत दरों को बढ़ाना ठीक नहीं है। उन्होंने विद्युत दरों की गई वृद्घि को वापस लेने की मांग की है।
टिहरी किसान सभा के जिलाध्यक्ष भगवान सिंह राणा ने प्रेस को विज्ञप्ति जारी करते हुये कहा कि बीते गुरुवार को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में करीब दस प्रतिशत की बढ़ोतरी कर विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं जो बिजली का कम खर्च करते हैं,उनके ऊपर भारी बढ़ोतरी थोपी गई है,जोकि प्रदेश सरकार की गरीब विरोधी नीतियों को दर्शती है। उन्होंने कहा कि जो परिवार प्रतिमाह सौ यूनिट तक बिजली खर्च करता हैं,उन्हें अब प्रत्येक यूनिट पर 25 पैसे और भुगतान करना होगा, जिसका सीधा असर गरीब जनता की जेब पर पड़ेगा, और इसकी जद बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ता भी आऐंगे। जिला किसान सभा के सचिव पाल सिंह कठैत ने कहा कि उत्तराखंड में कई जल विद्युत परियोजना कार्य कर रही हैं, और कई निर्माणधीन है। प्रदेश सरकारें उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश भी कहती हैं,लेकिन जनता को किसी भी प्रकार की रियायत देने को तैयार नहीं हैं। कहा कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों के लिये वर्ष 1998 में बनाई गई पुनर्वास पलिसी के तहत 15 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन 25 वर्षों के बाद भी बांध प्रभावित परिवारों को उसका लाभ नहीं मिल पाया है। उन्होंने सरकार से बिजली में की गई बढ़ोत्तरी को वापस लेने की मांग की है। कहा सरकार ऐसा नहीं करेगी, तो इसका सीधा असर उत्तराखंड के जंगलों पर पड़ेगा।

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