किसानों के नरसंहार को ट्रेंड कराने वालों का हैंडल ट्विटर ने किया बैन
नई दिल्ली,एजेंसी। माइक्रो ब्लगिंग वेबसाइट ट्विटर ने सोमवार को कड़ा ऐक्शन लेते हुए कई ट्विटर हैंडल्स पर रोक लगा दी है। इन ट्विटर अकाउंट्स पर किसान आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट और हैशटैग चलाए जाने का आरोप है। जिन अकाउंट्स पर रोक लगाई गई है, उनमें किसान एकता मोर्चा, हंसराज मीणा, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर आदि शामिल हैं। हालांकि, शशि शेखर के अकाउंट को रोके जाने पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने बताया है कि उन्होंने (शशि) ही ट्विटर से शिकायत दर्ज की थी।
इलेक्ट्रनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को लगभग 250 ट्वीट्स ट्विटर अकाउंट्स को ब्लक करने का निर्देश दिया था। यह गृह मंत्रालय और कानून से जुड़ी एजेंसियों के अनुरोध पर किया गया था, ताकि कानून और व्यवस्था को खराब होने से रोका जा सके। जनसंहार के लिए उकसाना सार्वजनिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है और इसलिए इलेक्ट्रनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69-ए के तहत इन ट्विटर अकाउंट्स और ट्वीट्स को ब्लक करने का आदेश दिया।
इस मामले से वाकिफ सूत्र ने बताया कि इन अकाउंट्स को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि ये अकाउंट्स भारत के बाहर काम कर रहे हैं। लीगल टीम इस मुद्दे पर काम कर रही है। जैसे ही ट्विटर अधिकारियों की बैठक खत्म होती है, इन अकाउंट्स को रिस्टोर किए जाने की संभावना है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर को गलती से ब्लक किया गया है, क्योंकि उन्होंने ही इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने बताया, उनका अकाउंट जल्द ही अन-ब्लक कर दिया जाएगा। वे ही थे, जिन्होंने सरकार को हैशटैग के बारे में जानकारी दी थी।
वहीं, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर का अकाउंट रोके जाने पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ये प्लेटफर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चलते हैं। शनिवार को एक आपत्तिजनक हैशटैग को लेकर प्रसार भारती के सीईओ ने ट्विटर से शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हीं के हैंडल को बैन कर दिया गया। इससे पता चलता है कि ये प्लेटफर्म्स कितने त्रिम हैं।
केंद्र सरकार के तीनों षि कानूनों को लेकर पिछले 70 दिनों से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों की मांग कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने आदि की है। इसी दौरान, सोशल साइट्स पर किसान आंदोलन से जुड़े कई ट्वीट्स भी किए जा रहे हैं। कई अकाउंट्स किसान नेताओं से जुड़े हुए हैं और उनपर लगातार आंदोलन से संबंधित जानकारियां भी दी जाती रही हैं।