कोटद्वार बाजार में दीपावली में नहीं लगेगी पटाखों की दुकानें
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। दीपावली त्योहार को लेकर स्थानीय प्रशासन सर्तक हो गया है। बाजार समेत भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी घुसने में दिक्कत हो, वहां पटाखा दुकानें प्रतिबंधित कर दी है। भीड़भाड़ और प्रतिबंधित जगहों में पटाखों की बिक्री करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। व्यापारी को पटाखा बिक्री के लिए जहां का लाइसेंस दिया जायेगा वहीं पर दुकान लगानी होगी, अन्यथा व्यापारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा। सूत्रों की मानें तो प्रशासन की ओर से ग्रास्टनगंज स्थित दशहरा मैदान को पटाखा की दुकानें लगाने के लिए चिन्हित कर लिया है।
प्रकाश पर्व दीपावली पर आतिशबाजी का चलन है। बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक पटाखों के जरिए खुशी का इजहार करते हैं। लिहाजा पटाखा बनाने और बेचने का क्रम तेज हो जाता है। पर्व मनाने की इस होड़ में सेहत और सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करने से भी नहीं चूकते। पूर्व में भी प्रशासन की ओर से दीपावाली त्योहार के दौरान पटाखा की दुकानें लगाने के लिए शहर से दूर स्थान को चिन्हित किया गया था, लेकिन पटाखा व्यापारी चिन्हित स्थान के बजाय बाजार में ही दुकानें लगा देते थे। व्यापारियों का तर्क होता था कि प्रशासन की ओर से उन्हें से दीपावली त्योहार से दस दिन पहले ही बाजार में दुकानें नहीं लगाने को कहा जाता है, जबकि उन्होंने पटाखों की खरीददारी कर ली है। कुछ व्यापारियों का कहना होता था कि वह केवल पटाखा का ही व्यापार नहीं करते है, बल्कि राशन सहित अन्य जरूरी सामान भी बेचते है। ऐसे में वह कैसे दो-दो जगह दुकानें चला पायेगें। व्यापारियों का कहना होता था कि दीपावली त्योहार से एक माह पूर्व उन्हें पटाखा की दुकान लगाने के लिए स्थान बता दिया जाय। स्थानीय प्रशासन ने पूर्व के अनुभव से सबक लेते हुए इस वर्ष दीपावाली त्योहार से एक माह पूर्व ही पटाखों की दुकानें शहर से बाहर लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शहर से दूर पटाखों की दुकानें लगने से यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने में काफी मदद मिलेगी।
उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि पटाखा दुकानें लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। अग्निशमन अधिकारी कोटद्वार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जबकि टीम सहायक नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार, पुलिस उपनिरीक्षक, राजस्व निरीक्षक दुगड्डा शामिल है। उन्होंने बताया कि कमेटी तीन दिन के अंदर दो ऐसे स्थानों का चयन कर अवगत करायेगी जहां पटाखा दुकानें लगाये जाने की दृष्टि से उपयुक्त हो। उन्होंने बताया कि पूर्व में व्यापारियों की शिकायत रहती थी कि उन्हें दुकान लगाने के लिए एक माह का समय दिया जाय, इसलिए इस वर्ष एक माह पूर्व ही पटाखा की दुकानें शहर से बाहर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसडीएम ने बताया कि जहां पटाखा की दुकानें लगाने के लिए चिन्हित किया जायेगा वहां पर फायर बिग्रेड की गाड़ी चौबीस घंटे खड़ी रहेगी। इसके अलावा पानी का टैंकर और लाइन की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जायेगी। बाजार में पटाखा बेचने वाले व्यापारियों व लाइसेंस स्थल के अलावा अन्य स्थान पर पटाखा बेचने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
सचल दल करेगा निगरानी
शहर के बीचों-बीच पटाखा दुकानों के लगने से बड़ा हादसा हो सकता है। पूर्व में स्टेशन के पास दीपावली त्योहार के दौरान पेट्रोल पम्प के पास एक कार में आग लग गई थी। गनीमत रही कि आग पेट्रोल पम्प तक नहीं पहुंच पाई, अगर आग पेट्रोल पम्प तक पहुंच जाती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। इस बार शहर में बाजार में पटाखा की दुकानें नहीं लगेगी। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि पटाखा व्यापारियों पर निगरानी रखने के लिए सचल दल गठित किया जायेगा। बाजार में किसी भी हालत में पटाखों की बिक्री नहीं करने दी जायेगी। यदि बाजार में पटाखा की दुकानें लगाई तो कार्यवाही की जायेगी। एसडीएम ने बताया कि दीपावली त्योहार के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पटाखा दुकानों का शहर से बाहर लगाया जाना जरूरी है।
बाजार में नहीं होते सुरक्षा के इंतजाम
दीपावली त्योहार के दौरान बदरीनाथ मार्ग, झंडाचौक, गोखेल मार्ग, स्टेशन रोड, नजीबाबाद रोड, मालगोदाम रोड, देवीरोड सहित अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पटाखा की दुकानें सड़क पर ही लगाई जाती है। सड़क पर दुकानें लगने से फायर बिग्रेड की गाड़ी जाने के लिए रास्ता नहीं रहता। वहीं पटाखा दुकानों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होते हैं। जबकि इन दुकानों के साथ कहीं पर दुकानें तो कई जगह लोगों के घर हैं। ऐसे में कभी बड़ा हादसा होता है तो काफी नुकसान हो सकता है। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि बिना लाइसेंस के कोई भी पटाखा दुकान नहीं लगेगी। दीपावली पर पटाखा बेचने के लिए प्रशासन से अस्थायी व अंशकालिक लाइसेंस लेना होगा। अस्थायी रूप से लाइसेंस लेने के बाद भी तय स्थान पर ही पटाखे की बिक्री की जाएगी। पटाखों की बिक्री के लिए आबादी से दूर और खुला हुआ स्थान चिन्हित किया जायेगा। चिन्हित स्थान पर ही व्यापारी पटाखों की दुकानें लगाये हो। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही होने पर कार्रवाई की जायेगी।
गली, मोहल्लों में नहीं लगेगी दुकानें
दीपावली के दौरान दुकानदार गली, मोहल्लों समेत भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखों की दुकान लगा देते हैं। जिससे दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है। कईं ऐसे जगहों पर भी दुकानें सजी रहती हैं, जहां फायर बिग्रेड के वाहन नहीं घुस पाते। ऐसे में बड़ी घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए इस बार प्रशासन ने बाजार सहित भीड़भाड़ वाले जगहों पर आतिशबाजी की दुकानें लगाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है, जहां पर दुर्घटना होने की आशंका हो।