कोटद्वार में प्राइवेट डॉक्टर्स ने ओपीडी का किया बहिष्कार, मरीजों को परेशानी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े कोटद्वार के प्राइवेट डॉक्टर्स ने शुक्रवार को ओपीडी का बहिष्कार किया। जिस कारण निजी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को दिक्कत हुई। पर सरकारी अस्पताल खुले होने के कारण मरीजों की परेशानियां का काफी हद तक समाधान हो गया हड़ताल के कारण बेस अस्पताल में भी ओपीडी मरीजों की संख्या में कुछ बढ़त देखी गई। पूर्व घोषित हड़ताल के दौरान शहर के निजी अस्पतालों में मरीज नहीं देखे गए। डॉक्टर सिर्फ इमरजेंसी में मरीजों को देख रहे हैं। वहीं नीमा संगठन से जुड़े व अन्य आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने शुक्रवार को नि:शुल्क रोगियों का उपचार किया।
डॉ. राज बृज, डॉ. विजय मैठाणी, डॉ. प्रमिला रावत, डॉ. दीपक रस्तोगी ने बताया कि इस एक्ट के तहत आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 62 तरह की सर्जरी करने की अनुमति दी जा रही है लेकिन उन सर्जरी को करने से जुड़ी जानकारी उन चिकित्सकों को नहीं दी गई है। उनका विरोध आयुर्वेदिक चिकित्सकों से नहीं बल्कि सरकार की गलत नीतियों से है। इस नीति के कारण डॉक्टरों के साथ ही मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति देने वाले एक्ट को लागू न करने की मांग की जा रही है।
वहीं राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं पंचकर्म केन्द्र कोटद्वार में आयुर्वेंदिक चिकित्सकों ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने पर केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे सरकार द्वारा जनहित में लिया गया निर्णय बताया। जिससे सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में निवासरत गरीब, असहाय लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा। उन्होंने दूसरी पद्धति के चिकित्सकों द्वारा सरकार के निर्णय का विरोध करने को अनावश्यक बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद सर्जरी का जनक है। आचार्य सुश्रत प्रथम सर्जन थे। डॉ. रमेश देवरानी, डॉ. दीन दयाल द्विवेदी, डॉ. जगदम्बा प्रसाद ध्यानी, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. जयदीप सिंह बिष्ट संयोजक नीमा संगठन कोटद्वार ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने पर केन्द्र सरकार का आभार जताया।