कोटद्वार में आठ साल बाद डकैतों ने फिर दी दस्तक: लाखों की लूट, पुलिस के हाथ खाली
कोटद्वार पहुंची एफएसएल की टीम, जुटाएं साक्ष्य, अज्ञातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड के तराई वाले शहरों में संगीन अपराधों डकैती व फिरौती के मामले में शांत कहे जाने वाले कोटद्वार में लगभग आठ साल बाद डकैतों ने फिर से दस्तक दे दी है। डकैत सरेआम एक फैक्ट्री मालिक के कोटद्वार स्थित घर आ धमके, जहां उन्होंने घर के सभी सदस्यों को हथियारों की नोक पर बंधक बनाकर घर में रखी नगदी, जेवरात लेकर फरार हो गये। कोटद्वार में डकैती की घटना को लेकर चारों ओर सनसनी फैल गई। शहर के आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मकान मालिक द्वारा डकैती की रिपोर्ट पुलिस में दी गई है। पुलिस ने डकैतों का सुराग लगाने के लिए श्रीनगर से फॉरेसिंक लैब की टीम को कोटद्वार बुला लिया है, लेकिन पुलिस डकैतों को पकड़े जाने के मामले में अभी तक खाली हाथ है। कोटद्वार शहर में उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद वर्ष 2008 में किशनपुरी बैंक व 2012 में नजीबाबाद रोड पर एक व्यापारी के घर में डकैती पड़ी थी। 2012 के आठ साल के बाद यह तीसरी घटना बताई गई है।
कोटद्वार में शुक्रवार सुबह 7 बजे उस समय सनसनी फैल गई जब देवी रोड स्थित खुशी होटल के पीछे एक कॉलोनी निवासी प्रमोद कुमार प्रजापति के घर पांच हथियारबंद बदमाशों ने डकैती कर लाखों की नगदी और घर में रखे गहने लूट दिये। बदमाश प्रमोद कुमार की पत्नी व माँ के पहने हुए गहने भी उतारकर लगे गये। हथियारबंद बदमाशों ने उद्योगपति की माता, पत्नी व पुत्री को बंधक बनाकर पूरा घर खंगाला। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार डकैत 15 लाख से अधिक की नकदी और 8 लाख रुपये करीब के गहने लूट कर ले गए हैं। लेकिन एएसपी प्रदीप राय ने बताया कि मामले में तहरीर आई है, लेकिन कितने की लूट हुई है इस बात का जिक्र नहीं किया गया है। घर के आसपास स्थित सीसीटीवी कैमरों की मदद से नकाबपोश बदमाशों की खोजबीन जारी है। सुबह हुई लूट की घटना से लोगों में दहशत बनी हुई है। मामले की जांच के लिए श्रीनगर से एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) टीम कोटद्वार पहुंची। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्रित किये। वहीं पुलिस की विभिन्न टीमें जांच में जुटी हुई है। पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी ने बताया कि प्रमोद कुमार प्रजापति की तहरीर के आधार पर अज्ञातों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कोटद्वार पुलिस के अनुसार, सीताबपुर निवासी प्रमोद प्रजापति पुत्र स्व. रामफूल प्रजापति की हरिद्वार में टाइल्स की फैक्ट्री है। कोटद्वार स्थित उनके आवास में उनकी माता फूलो देवी, पत्नी मुनेस और पुत्री मानसी रहते हैं। शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे घर के गेट से पांच हथियारबंद बदमाश घर में घुसे और घर में मौजूद दोनों महिलाओं व बेटी के हाथ बांध दिए साथ ही उनके मुंह पर भी टेप चिपका दिया। बदमाशों ने करीब 40 मिनट तक पूरा घर खंगाल और घर से नगदी और जेवर लेकर भाग गये। जाने से पूर्व बदमाशों ने प्रमोद की माता के हाथ खोल दिए। साथ ही तीनों को कमरे में बंद कर दिया। बदमाशों के घर से निकलने के बाद उद्योगपति की पत्नी मुनेश देवी ने घटना की सूचना प्रमोद को दी। वहीं, प्रमोद से मिली सूचना के बाद आस पड़ोस के परिचित घर में पहुंचे। सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रदीप नेगी, एसओजी प्रभारी रफत अली और एसओजी टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने चेक पोस्ट पर चेकिंग तेज कर दी है। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
घटनास्थल पर पहुंचे पौड़ी जिले के अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने बताया कि शुक्रवार सुबह 7 बजे के लगभग कोतवाली क्षेत्र के सिताबपुर में 5 नकाबपोश घर में घुसे और बंदूक की नोक पर घर में मौजूद दो महिलाओं और एक बालिका को बंधक बनाकर लूट की घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि परिजन स्पष्ट नहीं बता पा रहे है कितनी नगदी और जेवरात चोरी हुए है। एएसपी ने परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बताया कि प्रमोद कुमार प्रजापति की पत्नी सुबह जल्दी उठ जाती है। शुक्रवार को भी वह सुबह करीब साढ़े छ: बजे उठ गई थी और घर का दरवाजा खोल दिया था। साथ ही गेट का ताला भी निकाल दिया था। इसी दौरान पांच नकाबपोश आये और उन्हें बंधक बना दिया और लूट की घटना को अंजमा दे दिया। एएसपी ने कहा कि डकैती की घटना जिस तरीके से अंजाम दी गई है उससे लगता है घटना में पीड़ित परिवार का कोई परिचित शामिल है। उन्होंने कहा कि घटना की फोरेंसिक जांच करवाने के साथ ही सभी आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं। श्रीनगर से एफएसएल टीम कोटद्वार पहुंच गई है। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाये है।
कोटद्वार को अपराध के मामले में सबसे सुरक्षित मानते है व्यवसायी
कोटद्वार। कोटद्वार उत्तराखण्ड का एक ऐसा शहर है जहां पर राज्य के अन्य मैदानी शहरों के अनुपात में सबसे कम आर्थिक और सामाजिक अपराध होते है। इसलिए इससे लगे जिलो हरिद्वार, मुज्जफरनगर, सहारनपुर, बिजनौर सहित अनेक शहरों के व्यवसायी अपने जिलों की बजाय अपने परिवार को कोटद्वार रखना सुरक्षित महसूस करते है। यही कारण है कि जिस व्यापारी के घर कोटद्वार में डकैती पड़ी है उसका व्यवसाय हरिद्वार जिले में है और रहने वाला भी अन्य जिले का है। बावजूद इसके व्यवसायी ने कोटद्वार में मकान लेकर अपने परिवार को यहां रखा हुआ है। इसी प्रकार कोटद्वार में अन्य जिलों के व्यवसायी भी अपने परिवार को रखने में सुरक्षित महसूस करते है और अपने गृहनगर को छोड़कर कोटद्वार में ही परिवार को रख रहे है। लेकिन डकैती की इस घटना ने एक बार फिर उन्हें शंका में डाल दिया है।