कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार में भी रही फूलदेई की चहल-पहल, रश्मि सिंह ने बच्चों के साथ मनायी

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
चैत्र मास की पहली तिथि रविवार को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में फूलदेई का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने घर-घर जाकर देली पर फूल और चावल अर्पित कर फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार.. गीत गाकर लोगों की सुख समृद्धि की कामना की। क्षेत्र में भी फूलदेई त्योहार को लेकर बच्चों में काफी उत्साह रहा। लोगों ने बच्चों को गुड़, चावल, फल और पैसे उपहार में दिए। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रश्र्मि ंसह ने बच्चों के साथ फूलदेई का पर्व मनाया। 
उत्तराखंड में इस त्योहार की काफी मान्यता है। इस दिन छोटे बच्चे सुबह उठकर जंगलों की ओर चले जाते हैं और वहां से फ्यूंली, बुरांस, आडू, खुबानी व पुलम आदि के फूलों को तोड़कर टोकरी में रखते हैं। इसके बाद बच्चे गांव के प्रत्येक घर की दहलीज फूलों को चावल के साथ रखते हैं। जिसके बदले घर के मुख्या बच्चों को गुड़ और दक्षिणा देते हैं। रविवार सुबह बच्चों ने टोकरियों में रखे फूलों के साथ घर-घर जाकर देहरी पर फूल डाले। इस पर्व को मनाने के लिए बच्चों को काफी समय से इंतजार रहता है। पर्व को मनाने के लिए बच्चे एक दिन पूर्व या सूर्य की पहली किरण से पहले बच्चे लोगों की देहरी पर फूल डालते है। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रश्मि सिंह ने कहा कि चैत के महीने की सक्रांति से ही उत्तराखंड के पहाड़ बुरांश के लाल फूलों की चादर ओढ़ने लगते हैं। ऐसे में पूरे इलाके की खुशहाली के लिए उत्तराखंड में फूलदेई का पर्व मनाया जाता है। आमतौर पर यह पर्व लड़के-लड़कियों और छोटे बच्चों का पर्व है। फुलदेई के दिन लड़कियां और बच्चे सुबह-सुबह उठकर फ्योंली, बुरांस और कई तरह के फूलों को इकट्ठा करते हैं और इन फूलों को सुंदर सी टोकरी में सजा कर बच्चे अपने गली-मोहल्ले में लोगों की देहरी में डालने के लिए निकल जाते है। मुख्य द्वार पर लड़कियां फूल डालती हैं और उस घर की खुशहाली की दुआ मांगती हैं। इस दौरान एक गाना भी गाया जाता है फूलदेई छम्मा देई देणी द्वार भरवा, तैं देलि मां बारंबार नमस्कार-नमस्कार। इन पंक्तियों के साथ बच्चे उस घर की खुशहाली के लिए दुआ मांगते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही उत्तराखंड के लोक पर्व फूलदेई को बच्चों के साथ मनाने प्रयास किया। इस मौके पर श्रीमती रेनू कोटनाला, संतोष नेगी, बबीता कुकरेती, शिवानी रावत और रजनी नेगी सहित बच्चों की टीम में लिरिशा रावत, रुद्रांश कुकरेती, अखिल, ओशिन अग्रवाल, श्रेया, श्रेयांश नेगी आदि शामिल थे।

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