कोटद्वार में कूड़ा निस्तारण को भूमि न देने पर मेयर हेमलता सरकार से नाराज कहा, एनजीटी के आदेश के बावजूद भी हरकत में नहीं आ रही सरकार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी ने कूड़ा निस्तारण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक भूमि उपलब्ध न करवाये जाने पर नाराजगी जताई। मेयर ने कहा कि एनजीटी के सख्त आदेश के बावजूद भी प्रदेश सरकार हरकत में नही आ रही है। कोटद्वार में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने से दिन प्रतिदिन हालत बदतर हो रहे है। जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे होने से जहां कोटद्वार नगर निगम की छवि धूमिल हो रही है, वहीं लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।
पे्रस को जारी विज्ञप्ति में नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी ने कोटद्वार नगर में कूड़े की समस्या के विकराल रूप धारण करने से हो रही परेशानियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे शहर का कूड़ा खोह नदी के किनारे डाला जा रहा है। उक्त वैकल्पिक व्यवस्था पूर्व में नगर पालिका के समय से चली आ रही है। नगर पालिका में जहां 11 वार्ड थे वहीं अब नगर निगम में 40 वार्ड है। इसलिए अब खोह नदी के किनारे बनाये गये अस्थाई टेंचिंग ग्राउण्ड में कूड़े के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। मुक्तिधाम के मुख्य गेट के निकट कूड़ा फेंके जाने से वहां पर कूड़े का ढेर लगा हुआ है। जिस कारण राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी फैली हुई है। वहीं कूड़े के ढेर से आ रही दुर्गंध से लोगों में अन्य गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। मेयर ने कहा कि नगर निगम के द्वारा पिछले काफी समय से शासन से कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक कूड़ा निस्तारण के लिए शासन स्तर पर भूमि की व्यवस्था नहीं दी गयी है। एनजीटी ने भी सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए शीघ्र ही कूड़ा निस्तारण की समस्या का समाधान करने के लिए निर्देश दिये है। इसके बावजूद भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस समस्या को गंभीरता लेते हुए कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि दिये जाने की मांग की है, ताकि वेस्ट-टू-इनर्जी के माध्यम से विद्युत उत्पादन कर कूड़े का निस्तारण किया जा सके।