कोटद्वार पहुंचे मुख्य वन संरक्षक, जंगलों को आग से बचाने को क्रू-स्टेशनों एवं कंट्रोल रूम की देखी तैयारी जनता से की सहयोग की अपील

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
मुख्य वन संरक्षक एवं अग्नि सुरक्षा नोडल अधिकारी गढ़वाल नरेश कुमार ने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं को लेकर वन विभाग के शीर्ष अधिकारी सहित डिवीजन स्तर पर सभी डीएफओ मुस्तैद है। वहीं स्टाफ भी जंगल में तैनात है। उन्होंने जनता से आग की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए वन विभाग का सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि जनता के सहयोग से ही आग की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। मुख्य वन संरक्षक ने लैंसडौन विभाग के विभिन्न क्रू-स्टेशनों एवं कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर जायजा लिया। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
मंगलवार को मुख्य वन संरक्षक एवं अग्नि सुरक्षा नोडल अधिकारी गढ़वाल नरेश कुमार ने वन विभाग के पनियाली गेस्ट हाऊस में लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि पिछले दिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैठक में निर्देश दिये थे कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी सभी विभागों से समन्वय स्थापित करें। इस संबंध में सभी डीएफओ का अच्छा सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा पुलिस विभाग और ग्रामीणों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि पीसीसीएफ हेड ऑफ फोरेस्ट द्वारा वनाग्नि को लेकर राज्य में 10 संवेदनशील जिले घोषित किये गये है। मुख्य वन संरक्षक को जिलों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए है। इसी के तहत मंगलवार को लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर वनाग्नि की घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पौड़ी जिले के भ्रमण के दौरान जो भी कमियां पाई जाएगी उन्हें उच्चाधिकारियों को बताया जायेगा। मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि लैंसडौन डिवीजन में सभी पुरानी फायर लाईनें है, नई कोई नहीं बनाई गई है। सभी फायर लाइनों को साफ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब बहुत सारी पक्की सड़कें बन गई है जो फायर लाइन का काम करती है। पहले कच्चे रास्ते हुआ करते थे, वह भी फायर लाइन का काम करती थे। इस मौके पर डीएफओ दीपक सिंह, एसडीओ जेसी बेलवाल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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