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कोटद्वार पुलिस इंतजार कर रही थी हमले का, हमलावरों से जान बचा कर भागा मेडिकल शॉप संचालक

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
कोटद्वार में पुलिस का काम अब अपराध रोकथाम की बजाय अपराध जांच करना रह गया है। पुलिस को यदि कोई अपने साथ होनी वाली वारदात की जानकारी पहले दे दे तो पुलिस उस पर कार्यवाही करने के बजाय घटना होने का इंतजार करती हुई दिखाई दे रही है। ऐसा ही वाक्या कोटद्वार में देखने को मिला। जहां अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों पर छापेमारी के बाद एक केमेस्ट को आरोपी द्वारा धमकाये जाने और उसके बाद हमला करने की घटना हुई है। कोटद्वार के लकड़ीपड़ाव में केमेस्ट शॉप के संचालक विनोद सिंघल ने पुलिस को 2 जून को सूचना दी थी कि लकड़ीपड़ाव में एक डॉक्टर का अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को प्रशासन द्वारा सीज किये जाने के बाद वह मेरे पे आरोप लगा रहा है कि उसने प्रशासन को हमारी जानकारी दी है। 2 जून को ही केमेस्ट शॉप के मालिक ने पुलिस को यह भी बताया था कि उन्होंने उसे परिणाम भुगतने की धमकी दी है। हालांकि पुलिस ने 2 जून को केमेस्ट शॉप के संचालक की रिपोर्ट को प्राप्त कर लिया था किन्तु इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। परिणाम स्वरूप आज सोमवार सुबह 7 जून को धमकी देने वाले व्यक्ति के दो लोग उसकी दुकान पर आकर उस पर हमला बोल दिया। पुलिस ने उसकी इस रिपोर्ट को भी प्राप्त कर रिसीव दे दी और जांच की बात कह रही है।
पुलिस को दी तहरीर में मेडिकल संचालक विनोद सिंघल ने बताया कि सोमवार सुबह वह 9 बजे अपनी मेडिकल की दुकान पर पहुंचे। करीब 11 बजे मो. युसफ और मो. युनुस पुत्र हबीबुर रहमान निवासी लकड़ीपड़ाव उनकी दुकान पर आये और धारदार हथियार से उन पर जानलेवा हमला किया। साथ ही धमकाया की यह तो अभी शुरूआत है अभी तो तेरे साथ बहुत कुछ होगा और तुझे जिंदा नहीं छोड़ेगें। उन्होंने ईंट, पत्थर से भी हमला किया। किसी तरह वहां से भागकर मैंने अपनी जान बचाई। इस दौरान उन्होंने पीछे से सरिया भी फेंककर मारा। जिससे मेरे सिर पर चोट आई है। मेरे दो मोबाइल फोन भी गायब है। इन लोगों से उन्हें जानमाल का खतरा है। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। मेडिकल संचालक विनोद सिंघल ने बताया कि उन्होंने विगत 2 जून को कोवताली में तहरीर दर्ज कराई थी कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पिछले दिनों स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लकड़ीपड़ाव में निजी डॉक्टरों के क्लीनिक में छापेमारी की। इस दौरान कुछ क्लीनिक सीज भी किये गये। एक निजी क्लीनिक के डॉक्टर का कहना था कि उन्होंने उनके क्लीनिक को सील करवाया है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने इन लोगों के खिलाफ पुलिस से कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा सभी के समाने है। उधर, वरिष्ठ उप निरीक्षक प्रदीप नेगी ने बताया कि विनोद की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मो. युसफ और मो. युनुस पुत्र हबीबुर रहमान निवासी लकड़ीपड़ाव के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504, 506, 427 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकत्र्ताओं ने कोतवाली में किया प्रदर्शन

केमेस्ट शॉप के संचालक विनोद सिंघल पर हमले की सूचना मिलते ही हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकत्र्ता कोतवाली में पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि दो जून को विनोद ने पुलिस को दी गई तहरीर में खुद पर हमले की संभावना जताते हुए जान-माल की सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन, पुलिस ने उसे सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई। कार्यकत्र्ता हमलावरों को उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे। इस दौरान पुलिस व कार्यकत्र्ताओं में हल्की नोंक-झोंक भी हुई। प्रदर्शन करने वालों में हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश सचिव राजेश जदली, गढ़वाल सचिव दीपक बजरंगी, जिलाध्यक्ष नकुल प्रजापति, राहुल रस्तोगी, राजाराम रावत, पंकज नेगी, संजय सिंह, सूरज सिंह, चेतन जोशी, पवन रावत, प्रवेश कुमार, विपिन चौधरी, नीरज आर्य, सुमित रावत आदि शामिल थे।

प्रशासन की कार्यवाही से जुड़ा मामला
हिंदू युवा वाहिनी कार्यकत्र्ताओं का कहना था कि एक जून को प्रशासन ने लकड़ीपड़ाव में अवैध रूप से क्लीनिक संचालित कर रहे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चार क्लीनिक सीज किए थे। हिंयुवा के प्रदेश सचिव राजेश जदली का कहना था कि इस घटना के बाद से ही मोहल्ले के कुछ व्यक्ति विनोद को लगातार धमकियां दे रहे थे। इस संबंध में कोतवाली में तहरीर भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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