कोटद्वार रजिस्ट्री कार्यालय पर नियमों की अनदेखी कर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला कोषाध्यक्ष शांता बमराड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय कोटद्वार भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है। दूरी प्रमाण पत्र एवं सुविधा शुल्क के नाम पर हजारों रूपये लिये जा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी डीलरों के ऐसे कई बयनामे हैं जिनमें उप निबन्धक कोटद्वारा द्वारा बिना दूरी प्रमाण पत्र लिए पंजीकृत कर लिए गए है। कोटद्वार सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी माह में दो बार दस्तावेज पंजीकृत करने हेतु यमकेश्वर तहसील जाते है, लेकिन सब रजिस्ट्रार कोटद्वार द्वारा यमकेश्वर तहसील की जगह दस्तावेज यमकेश्वर की जगह ऋषिकेश अथवा देहरादून लोगों के घरों में जाकर दस्तावेज पंजीकृत किये गये। यमकेश्वर तहसील के अन्तर्गत कई दस्तावेजों में व्यवसायिक भवनों एवं होटल के स्थान पर आवासीय भवन दिखाए गये है। जिससे सरकार को करोड़ों रूपये राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने जिलाधिकारी से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में शांता बमराड़ा ने कहा कि पौड़ी जिले के समस्त सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में से सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त करने के बावजूद पिछले तीन वर्षों से सब-रजिस्ट्रार कार्यालय कोटद्वार में पीसीएस अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभारी रजिस्ट्रार आम जन से मनमानी कर रहे है। जो गांव मुख्य मोटर मार्ग से पहले ही 200 मीटर से अधिक दूरी पर है उन गांवों के बयनामे में भी जबरन दूरी प्रमाण पत्र लिया जा रहा है। यदि दूरी प्रमाण पत्र बनवाने हेतु लोग पटवारी चौकी जाते है तो पटवारी चौकी पर नहीं मिलते है। अधिकारियों की ओर से मौका मुआयना करने के बाद ही प्रमाण पत्र देने की बात कही जाती है, लेकिन कई चक्कर काटने के बाद भी अधिकारी मौका मुआयना करने नहीं पहुंचते। ऐसे में ग्रामीणों की बयाना राशि भी जब्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि कोटद्वार सब रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी ग्रामीणों की अनदेखी की जाती है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार सब रजिस्ट्रार अपनी सुविधानुसार रूपये लेकर बिना दूरी प्रमाण पत्र के कई बयनामे निष्पादित कर देते है एवं जिनमें उन्हें पैसे नहीं दिये जाते है उन्हें या तो वो पंजीकृत करने से मना कर देते है अथवा उन्हें दूरी प्रमाण पत्र आने तक पोस्टपोन्ड कर देते है। शांता बमराड़ा ने कहा कि पूर्व में भी जिला निबन्धक पौड़ी द्वारा जिला विकास प्राधिकरण की एनओसी के बिना, भवनों के बयनामे पर रोक लगा दी गई है। जिस कारण कोटद्वार के लोगों ने परेशानी से बचने के लिए भवन की जगह पर खाली भूमि के बयनामे करवाए। जिससे सरकार को स्टाम्प ड्यूटी की मद में लाखों रूपये का नुकसान हुआ है। जब उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल ये नियम भी वापस ले लिया था। उस समय भी कोटद्वार सब रजिस्ट्रार ने उक्त आदेश की आड़ में कई दस्तावेज पंजीकृत करने के एवज में लाखों रूपये का घोटाला किया।
उधर प्रभारी रजिस्ट्रार मुकेश धीमान का कहना है कि उन पर लगाये गये आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि दूरी प्रमाण का मामला तहसील स्तर का है। पटवारी से दूरी प्रमाण पत्र लाने वाली की ही रजिस्ट्री की जा रही है, जो नहीं लाता उसकी रजिस्ट्री नहीं की जाती है।