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कुंभ स्नान को लेकर श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो: सीएम

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हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने पहले ही शाही स्नान के दौरान सीमा पर श्रद्धालुओं के साथ किसी तरह की सख्ताई के लिए अधिकारियों को मना कर दिया था। कहा कि वे चाहते थे कि गंगा स्नान को आ रहे श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। यह बात मुख्यमंत्री ने हर की पैड़ी पर संतों का आर्शीवाद लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। कहा कि पहले शाही स्नान में जो भी कमी सामने आएगी उसे दूर करते हुए व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाकर अप्रैल के शाही स्नान दिव्य व भव्य कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री बनने के दूसरे दिन गुरुवार को महाशिवरात्रि पर्व पर तीरथ सिंह रावत ने अपनी पत्नी समेत हर की पैड़ी पहुंचकर गंगा से प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान शाही स्नान के लिए मां गंगा के तट पर आए साधु- संतों और श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में जनता के लिए कोई भी रोक- टोक नहीं है, किसी से भी सख्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से कोविड के नियमों का पालन करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुंभ का पहला शाही स्नान है। इसे विशेष बनाने के लिए सरकार की ओर से सभी साधु-संतों का हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा कर स्वागत की व्यवस्था की गई। उन्होंने स्वयं भी संतों के उपर पुष्प वर्षा की है। कहा कि सभी साधु- संत काफी खुश नजर आ रहे हैं साथ ही प्रशासन भी जनता की समस्याएं दूर करने के लिए मुस्तैदी से लगा है। उन्होंने कहा कि दिव्य, भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व पर गंगा में शाही स्नान करने के लिए श्रद्धालु बुधवार रात से ही जुटने लगे थे। जनता की सुविधा के लिए सरकार ने सभी इंतजाम कर रखे हैं। अधिकांश श्रद्धालु दोपहर तक स्नान कर घरों को लौट गए हैं। इस अवसर पर श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री का गंगाजली, प्रसाद और चुनरी भेंट कर स्वागत किया।
सीएम ने लिया शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से आशीर्वाद: हर की पैड़ी के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कनखल पहुंचकर जगतगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से मुलाकात की। इस दौरान कुंभ आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने उनके आशीर्वाद लेकर मागदर्शन भी लिया। जगदगुरु ने मुख्यमंत्री से कुंभ आयोजन के दौरान संतों के लिए व्यापक व्यवस्था उपलब्ध कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने पहले शाही स्नान को लेकर व्यवस्था को लेकर उन्हें पूरी जानकारी दी।
भव्य कुंभ के लिए उठाने होंगे कुछ कदम: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत करते हैं और मुख्यमंत्री सुलझे व्यक्ति हैं मुख्यमंत्री को कुंभ को भव्य बनाने के लिए और कई कदम उठाने होंगे। श्रीमहंत नरेंद्र जी ने कहा कि मुख्यमंत्री को अब साधुओं को टेंट लगाने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अधिकारियों के कहने पर चलते थे। अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को हमेशा मिस गाइड किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अधिकारियों के कहने पर नहीं आना चाहिए। श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के अष्ट कौशल महंत और सचिव तथा मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साधु संतों का स्वागत किया और उनसे आशीर्वाद लिया और कुंभ में लगी हुई सारी पाबंदियां हटा दी। इससे पूरे देश में अच्छा संदेश गया है। मुख्यमंत्री की इस पहल का वे जोरदार स्वागत करते हैं। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज हर की पैड़ी पर आकर संतों से जिस तरह से आशीर्वाद लिया और कुंभ पर सभी पाबंदी हटा दी। इसके लिए वे मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत करते हैं और मुख्यमंत्री की इस पहल से अब भविष्य में कुंभ दिव्य और भाग्य होगा और आगे के कुंभ के स्नान भी सकुशल संपन्न होगा।

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