लचर स्वास्थ्य सेवा को लेकर आंदोलनकारियों में रोष
चम्पावत। प्रदेश भर की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राज्य आंदोलनकारियों में रोष है। व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर उन्होंने विरोध जताया। साथ ही समय से उपचार नहीं मिलने से मौत का शिकार हुई महिलाओं के शोक में कैंडल मार्च निकाला। राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार से शीघ्र स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की मांग की। ऐसा नहीं किए जाने पर उन्होंने प्रदेश भर में आंदोलन चलाने की धमकी दी। म्पावत जिला मुख्यालय में शनिवार देर सायं राज्य आंदोलनकारियों ने गांधी मूर्ति के समीप कैंडल मार्च निकाला। संगठन जिलाध्यक्ष बसंत तड़ागी के नेतृत्व में राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में लिया। कहा कि बीते दिनों रुद्रपुर के किच्छा, पौड़ी के रिखड़ीखाल में समय पर उपचार नहीं मिलने से गर्भवती महिलाएं असमय काल के गाल में समा गई। इसके अलावा चम्पावत में 108 वाहन में समुचित व्यवस्था नहीं होने से एक वृद्धा की मौत हो गई। आंदोलनकारियों ने कहा कि इससे साबित हो गया है कि प्रदेश सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति कितना संजीदा है। उन्होंने कहा कि आए दिन उपचार नहीं मिलने से सूबे में लोगों की असमय मौत हो रही है। लेकिन सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है। उन्होंने शीघ्र व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर प्रदेश भर में आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है। वहां राज्य आंदोलनकारी शंकर पांडेय, प्रकाश तिवारी, दीपक तड़ागी, श्याम कार्की, खीमानंद पाण्डेय, ललित गोस्वामी, दिनेश पांडेय, सुधीर साह, नारायण महर, मोहन चौधरी आदि मौजूद रहे।