लालढांग से आवाजाही बंद करने की मांग
कोटद्वार। उत्तराखण्ड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रदेश में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। रविवार को हरिद्वार जनपद के लालढांग में सात लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। लालढांग में एक साथ सात लोगों के संक्रमित होने से कोटद्वार में हड़कंप मचा हुआ है। लालढांग से प्रतिदिन सैकड़ों लोग कोटद्वार सामान खरीदने आते है। वहीं दूधिया भी दूध देने के लिए चिल्लरखाल मार्ग से होते हुए कोटद्वार पहुंचते है। सिडकुल स्थित कंपनियों में लालढांग से काम करने के लिए भी सैकड़ों लोग आते है। भाबर के लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा की दृष्टि से लालढांग क्षेत्र से आवागमन बंद करने की मांग की है।
लालढांग क्षेत्र में शनिवार को प्रवासियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने की सूचना से कोटद्वार-भाबर क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है। भाबर के लोगों ने प्रशासन से लालढांग क्षेत्र से आवागमन बंद करने की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लालढांग वासियों का कोटद्वार-भाबर में लगातार आवाजाही बनी रहती है। इसलिए यहां से आने वाले लोगों से क्षेत्र में कोरोना वायरस फैल सकता है। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में पुलिस चैकिंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम की तैनाती के साथ ही सख्ती करने की मांग की है। स्थानीय निवासी रजनीश बेबनी, पंकज कबड़ियाल, जगत सिंह सौन्द, गौरव कुकरेती, विकास कुकरेती, जितेंद्र सिंह, उमेश रावत, देवेंद्र राणा, राकेश ध्यानी ने बताया कि भाबर क्षेत्र में लालढांग-हरिद्वार से चिल्लरखाल मार्ग पर लगातार आवागमन बना रहता है। लालढांग के लोग खरीदारी, सब्जियां और दूध विक्रय आदि के लिए कोटद्वार और भाबर क्षेत्र में आते-जाते हैं। शनिवार को लालढांग में सात से अधिक कोरोना मरीज मिलने से लोग डरे हुए हैं। संक्रमण के खतरे को देखते हुए लोगों ने चिल्लरखाल में जांच टीम के साथ ही आवागमन पूर्णत: बंद करने की मांग की है। लोगों का आरोप है कि बाहर से आने वाले लोग भी चोरी छिपे झंडीचौड़ और चिल्लरखाल रास्ते का प्रयोग कर रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है।