लालू यादव की तबीयत बिगड़ी, खराब हुई किडनी कभी भी हो सकती है डायलिसिस
रांची, एजेंसी। चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता, पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ गई है। रांची के रिम्घ्स में लालू की देखरेख कर रहे डाक्टरों की टीम के प्रमुख ड उमेश प्रसाद ने बताया कि उनकी किडनी की कार्यक्षमता बेहद कम हो गई है। उन्घ्हें कभी भी डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। डक्घ्टर ने लालू की हालत चिंताजनक बताई है। उन्घ्होंने इस बारे में रिम्घ्स निदेशक को लिखित सूचना दी है।
लालू के इलाज में जुटे ड उमेश प्रसाद ने बताया कि उनकी हालत कभी भी बिगड़ सकती है। इस बारे में स्घ्पष्घ्ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालत चिंताजनक है। इससे पहले शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने लालू की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए इसे छह सप्घ्ताह की तारीख दे दी। यहां लालू के वकील देवर्षि मंडल ने कोर्ट से समय की मांग की थी। बीते दिन की सुनवाई के क्रम में कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्घ्बल नहीं पहुंच पाए थे। इधर सीबीआइ ने कोर्ट में दाखिल किए गए अपने जवाब में कहा है कि लालू की हालत स्थिर है। वे रिम्घ्स में भर्ती होने के बावजूद फोन से राजनीति कर रहे हैं। उन्घ्हें फिर से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेजा जाना चाहिए।
इधर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में लालू प्रसाद यादव की ओर से चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से बीते दिन रिम्घ्स से बिहार के भाजपा विधायक को फोन कल करने के मामले में बिहार में दर्ज हुई एफआइआर का हवाला देते हुए कहा गया कि लालू की हालत स्थिर है। उन्घ्हें जेल भेजा जाना चाहिए। लालू की ओर से सजा की आधी अवधि काटे जाने और गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई है।
सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए लालू की सजा अवधि पूरी नहीं होने के दस्घ्तावेज दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर सजायाफ्ता की कुल सजा की आधी अविध पूरी हो जाने पर जमानत दिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में लालू के वकील आधी सजा पूरी होने का दावा करते हुए बेल की मांग कर रहे हैं। हालांकि निचली अदालत से लालू को दी गई सजा की सर्टिफाइड कपी उच्घ्च न्घ्यायालय को अबतक नहीं मिल सकी है। ऐसे में जमानत याचिका पर छह हफ्ते बाद अब सुनवाई होगी।