उत्तराखंड

चाय बागान की भूमि को बेच रहे भूमाफिया

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देहरादून। चाय बागान भी भूमि को खुर्द-बुर्द किए जाने का एक और प्रकरण सामने आया है। इस बार सीधे तौर पर चाय बागान की जमीन बेचने की जगह भूमाफिया किसी अन्य भूमि के दस्तावेजों के नाम पर चाय बागान की भूमि को बेच रहे हैं। यह मामला आरकेडिया ग्रांट स्थित चाय बागान की भूमि का है। जिलाधिकारी सोनिका को मिली इस शिकायत में जांच के निर्देश जारी किए गए हैं। राकवेली अपार्टमेंट निवासी सलीम अहमद ने जिलाधिकारी को भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि खसरा नंबर 784ध्3 शिवराज नगर में प्लाटिंग की जा रही है। इसके साथ ही प्लाट बेचे भी जा रहे हैं। शिकायत के मुताबिक यह खसरा नंबर चाय बागान का है। भूमाफिया इसे निजी भूमि बता रहे हैं और जो दस्तावेज लगाए जा रहे हैं, वह भूमि वास्तविक रूप से कहीं और ही है। इस तरह आसपास की भूमि के दस्तावेज लगाकर चाय बागान की भूमि को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। यह बात भी सामने आई है कि कुछ भूमि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र वाली भी कब्जा ली गई है। प्रकरण में जिलाधिकारी सोनिका ने उपजिलाधिकारी ने भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
22 बीघा भूमि पर प्लाटिंग, लेखपाल की भूमिका संदिग्धरू आरकेडिया ग्रांट में चाय बागान की भूमि बेचे जाने का यह प्रकरण करीब 22 बीघा का है। इस प्रकरण में क्षेत्र के लेखपाल की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, चाय बागान की भूमि राजस्व अभिलेखों में पहले से स्पष्ट है। इसके बाद भी चाय बागान की भूमि को बेचे जाने के मामले की जानकारी लेखपाल को न होना अपने आप में आश्चर्य की बात है।
भोलेभाले लोग बन रहे शिकाररू चाय बागान की भूमि को बेचे जाने के मामले में भोलेभाले योग शिकार बन रहे हैं। अपनी खून-पसीने की कमाई लगाकर एक अदद प्लाट का ख्वाब देखने वाले नागरिकों को प्लाट के रूप में चाय बागान की जमीन बेची जा रही है। जिसका मतलब यह हुआ कि जांच की स्थिति में कभी भी यह जमीन उनके हाथ से फिसल सकती है।

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