लेनदारी को लेकर दोस्तों ने किया दोस्त का अपहरण
रुद्रपुर। थाना ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में लेनदेन के विवाद में दोस्तों ने ही इनोवा कार की मदद से युवक का अपहरण कर लिया। वर्कशॉप स्वामी की सूचना पर पुलिस ने आनन- फानन पुलभट्टा से लेकर बरेली मार्ग टोल प्लाजा तक नाकाबंदी कर अपहर्ताओं की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान सीसीटीवी में कैद इनोवा कार की घेराबंदी कर पुलिस ने वाहन चालक को गिरफ्तार कर लिया। दो अपहर्ता फरार होने में कामयाब रहे पुलिस ने मामले में तीन अपहर्ताओं को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। दो बदमाशों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। थाना ट्रांजिट कैंप के आनंद विहार स्थित वर्कशॉप स्वामी इस्लामुद्दीन ने मंगलवार शाम छह बजे पुलिस को सूचना दी कि वर्कशॉपकर्मी दयाकिशन पर इनोवा कार सवारों ने हमलाकर उसका अपहरण कर लिया है। सूचना पर एसपी सिटी देवेंद्र पींचा और सीओ सिटी अमित कुमार ने तत्काल पुलिस टीमों का गठन कर पुलभट्टा से लेकर बरेली मार्ग टोल प्लाजा तक नाकाबंदी करा दी। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की मदद से कार को चिह्नित किया। पुलिस ने टोल प्लाजा पर एक इनोवा कार की घेराबंदी कर चालक और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन कार में अपहृत युवक नहीं मिला। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली की अपहृत दयाकिशन भंगा बॉर्डर पर तैनात पुलिस के कब्जे में है। दरअसल अपहर्ता शराब के नशे में थे। रास्ते में भंगा गांव के पास अपहर्ताओं के नशे में धुत होने का फायदा उठाकर दयाकिशन कार से भाग निकला। पुलिस ने नेपाल सिंह निवासी इटोवा थाना देवरनियां जिला बरेली, धर्मपाल निवासी सतोईया थाना पुलभट्टा, सुनील कुमार निवासी ग्राम हरदासपुर कोटरा थाना अजीमनगर जिला रामपुर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपहर्ताओं से पूछताछ के बाद ट्रांजिटकैंप स्थित कृष्णा कालोनी निवासी कुलदीप चतुर्वेदी, गांधी नगर ट्रांजिटकैंप निवासी हिमांशु शर्मा की तालाश में दबिश दे रही है। मामले में तहरीर मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि नेपाल सिंह ने अपने मामा धर्मपाल सिंह, मामा के साले सुनील कुमार, ट्रांजिट कैंप निवासी दोस्त हिमांशु और कुलदीप को दयाकिशन के अपहरण के लिए तैयार किया।
घटना का मास्टरमाइंड था दयाकिशन का दोस्त
रुद्रपुर। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में लेनदेन का मामला सामने आया है। दयाकिशन और नेपाल सिंह दोनों दोस्त थे और मिलकर फाइनेंस कंपनियों की गाड़ियां खींचने का काम करते थे। वर्ष 2019 में दयाकिशन ने काम छोड़ दिया था। कोरोनाकाल में वर्कशॉप में काम करने लगा। पूछताछ में पता चला कि दयाकिशन पर नेपाल सिंह की 75000 रुपये की देनदारी थी। कई बार मांगने पर जब दयाकिशन ने रकम नहीं दी तो नेपाल सिंह ने उसके अपहरण की योजना बना ली।
बच्ची की सूझबूझ आयी पुलिस के काम
रुद्रपुर। मंगलवार शाम छह बजे जैसे ही इनोवा कार सवारों ने दयाकिशन पर हमला कर उसे गाड़ी में डाला तो चीख-पुकार सुनकर पास में बच्चों के साथ खेल रही कक्षा सात में पढ़ने वाली बच्ची घटना को भांप गई और उसने संदिग्ध लगने पर इनोवा कार का नंबर नोट कर लिया। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो बच्ची ने कार का नंबर पुलिस को दे दिया। इससे पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिली। एसपी सिटी पींचा ने बच्ची को सम्मानित करने की बात कही है।
धीमी रफ्तार और बदमाशों के नशे में होने का उठाया फायदा
रुद्रपुर। अपहृ़त दयाकिशन ने पुलिस को बताया कि अपहरर्ताओं ने शराब पी रखी थी। भंगा गांव के नजदीक इनोवा की रफ्तार धीमी हुई तो मौके का फायदा उठाकर उसने दरवाजा खोजा और चलती कार से कूदकर गन्ने के खेत में दौड़ लगा दी। कुछ दूर तक बदमाशों ने उसका पीछा किया, लेकिन भीडभाड़ होने के कारण वे कार से भाग गए।