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लोनिवि व वन विभाग के बीच फंसा चेलछीना-बसंतपुर-जैंती मोटर मार्ग

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अल्मोड़ा। जागेश्वर विधान सभा के अधीन चेलछीना-बसंतपुर-जैंती मोटर मार्ग वन विभाग व लोक निर्माण विभाग के बीच फंस कर रह गया है। सर्वे के बावजूद इस मोटर मार्ग को पिछले डेढ़ दशक से वन अधिनियम के तहत स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। क्षेत्रवासियों ने उपेक्षा के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश नेगी ने बताया कि प्रस्तावित मोटर मार्ग की पहली स्वीकृति 18 अक्तूबर 2005 में हो गई थी, लेकिन इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। क्षेत्र के लोगों की मांग पर लोनिवि ने 31 जनवरी 2020 को वन विभाग को वन भूमि हस्तांरण का प्रस्ताव बना कर भेजा, मिली जानकारी के अनुसार सिविल सोयंम वन प्रभाग के डीएफओ ने मातहतों को प्रस्तावित मोटर मार्ग के अंतर्गत आ रहे वृक्षों की गणना कर रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। प्रस्तावित मोटर मार्ग का निर्माण क्षेत्र की 28 ग्राम पंचायतों की जनता को यातायात सुविधा के लिए प्रस्तावित है। इधर क्षेत्र की जनता ने इस मामले को लेकर मुखर हो रही है। एक शिष्टमंडल ने डीएम नितिन भदौरिया से मुलाकात कर प्रस्तावित मार्ग के निर्माण में आ रही रुकावट को अपने स्तर से दूर करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उपेक्षा जारी रहन पर ग्रामीण विधान सभा चुनाव के बहिष्कार के साथ ही अन्य आंदोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर होंगे। शिष्टमंडल में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्याम नारायण पांडे, गिरिश चंद्र खोलिया, जीवन सिंह नेगी, हयात सिंह नेगी, देवेंद्र पिलख्वाल, संजय डालाकोटी, रवि रौतेला, विनीत बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य देवकी देवी, प्रधान हंसी देवी, धना धौनी आदि शामिल हैं।

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