उत्तराखंड

जयंती पर भगवान नर नारायण की पूजा की

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चमोली : बदरीनाथ धाम में भगवान नर नारायण की जयंती शुक्रवार को शुरू हुई हो गई। सुबह भगवान श्री नर नारायण की विग्रह मूर्ति समारोह पूर्वक मंदिर परिसर से माता मूर्ति मंदिर को प्रस्थान हुई। माता मूर्ति मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना संपन्न हुई। शनिवार को भगवान नर-नारायण के अभिषेक और श्री बदरीनाथ भ्रमण के साथ ही जयंती का समापन हो जाएगा। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि भगवान नर नारायण के जन्म उत्सव के अवसर पर शुक्रवार सुबह बदरीनाथ मंदिर में बाल भोग के पश्चात भगवान नर नारायण की विग्रह डोली बदरीनाथ मंदिर परिसर से माता मूर्ति मंदिर माणा पहुंची। जहां धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट, माता मूर्ति मंदिर के पुजारी सुशील डिमरी ने भगवान नर नारायण की पूजा की और अभिषेक संपन्न किया। दोपहर डेढ़ बजे नर नारायण की विग्रह मूर्तियां श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में वापस विराजमान हो गई। मान्यता है कि भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण ने श्री बदरीनाथ धाम में तपस्या की तथा सहस्रकवच दैत्य के अत्याचार से मुक्त किया। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान सहित माणा, बामणी, पांडुकेश्वर के हक-हकूकधारी तीर्थ पुरोहित तीर्थयात्री, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। 10 अगस्त शनिवार को भगवान नर नारायण भगवान की विग्रह मूर्तियां बदरीविशाल के जन्मस्थल लीला ढुंगी पहुंचेंगी। जहां भगवान नर नारायण का अभिषेक संपन्न होगा। इसके बाद भगवान नर नारायण श्री बदरीनाथ धाम का भ्रमण कर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। श्री बदरीनाथ भ्रमण पश्चात भगवान नर नारायण बदरीनाथ मंदिर परिसर में वापस विराजमान हो जाएंगे। (एजेंसी)

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