महर्षि दयानंद ने तर्क की कसौटी पर हर चीज को परखारू दीनानाथ

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हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय विभाग में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अधिष्ठाता ड़ दीनानाथ शर्मा ने कहा कि महर्षि दयानन्द ने तर्क की कसौटी पर हर चीज को परखा और इससे उन्होंने लोगों के सोचने की दिशा ही बदल डाली। पंडित नरदेव वेदालंकार इसी गुरुकुल में पढ़े और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका में वैदिक धर्म का प्रचार किया। आज उस परिवार के सदस्य यहां पहुंचे हैं। उनका स्वागत करना हमारे लिए गर्व की बात है। ड़ दीनानाथ ने गुरुकुल कांगड़ी विद्या सभा के उपमंत्री और सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी आदित्यवेश के सान्निध्य में दक्षिण अफ्रीका से भारत पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया गया। स्वामी आदित्यवेश ने कहा कि महर्षि दयानन्द के आदर्शों को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। आर्य प्रतिनिधि सभा दक्षिण अफ्रीका के कोषाध्यक्ष प्रबोध वेदालंकार ने कहा कि महर्षि दयानन्द ने नारी शिक्षा और वेदों के पठन-पाठन पर जोर दिया। स्वामी शंकरानंद, भवानी दयाल संन्यासी सहित कई महापुरुषों ने दक्षिण अफ्रीका की धरती पर वैदिक सनातन धर्म के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका से आए प्रबोध वेदालंकार, विक्रम वेदालंकार, रीटा, चंद्रिका, संध्या, ति और राजीव वेदालंकार का शल, ओम पट्टीका और माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद दिल्ली के प्रधान उत्तम आर्य, परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य धर्मेंद्र पहलवान, अवनीश आर्य, प्रधानाचार्य ड़ बिजेंद्र शास्त्री, ड़ योगेश शास्त्री, जितेन्द्र वर्मा, अशोक आर्य, ड़ हुकम चन्द, अश्वनी आर्य, बृजेश वेदालंकार, अमर सिंह, धर्म सिंह, वेदपाल, विजय, राजकमल, गौरव शर्मा, धर्मेन्द्र आर्य आदि उपस्थित रहे।

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