उत्तराखंड

तुंगनाथ के शीतकालीन पड़ाव मक्कूमठ में 22 अप्रैल से महायज्ञ

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में 22 अप्रैल से 11 दिवसीय महायज्ञ का शुरू होगा। इससे पूर्व तृतीय केदार तुंगनाथ की दिवारा यात्रा ने विभिन्न गांवों का भ्रमण भक्तों की कुशलक्षेम पूछ चुकी है। महायज्ञ को लेकर बदरी-केदार मंदिर ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर के मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी ने बताया कि बीते दिनों शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केडेय मंदिर मक्कूमठ में पंच पुरोहितों ने पंचांग गणना से महायज्ञ का दिन तय कर दिया है। गणना के अनुसार 19 अप्रैल को भगवान तुंगनाथ का हल्दी हाथ, 20 को हवन पूजा व सकलीकरण और 21 को कुंड की स्थापना की जाएगी। 22 अप्रैल को विशेष पूजा-अर्चना व अन्य धार्मिक परंपराओं के साथ महायज्ञ का शुभारंभ किया जाएगा। दसवें दिन 1 मई को भव्य जलकलश यात्रा एवं 2 मई को पूर्णाहुति व प्रसाद वितरण के साथ समापन होगा। बताया कि इससे पूर्व पिछले दो वर्षो में भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने तुंगनाथ घाटी व मदमहेश्वर घाटी के विभिन्न गांवों के घर-घर जाकर भक्तों की कुशलक्षे पूछी थी, लेकिन पिछले वर्ष कोरोना के चलते महायज्ञ संभव नहीं हो सका। अब महायज्ञ की तिथि तय की गई है। लगभग 16 वर्षो बाद हो रहे महायज्ञ को लेकर क्षेत्रीय लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है। बद्री-केदार मंदिर समिति के प्रशासनिक अधिकारी युद्घवीर सिंह पुष्पाण ने बताया कि महायज्ञ को लेकर तिथि तय हो चुकी है। जिसको लेकर मंदिर समिति भी अब तैयारियों में जुट गई है। शीतकालीन गददीस्थल में साफ सफाई के साथ रंग रोगन व मंदिर को सजाने का कार्य शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही मंदिर कर्मचारियों को भी कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!