अगरतला , एजेंसी। त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला हो गया है। यहां पार्टी ने माणिक साहा पर ही भरोसा जताया है। जानकारी के मुताबिक, माणिक साहा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। साहा दूसरी बार राज्य में सरकार की कमान संभालेंगे। इससे पहले त्रिपुरा भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार शाम को हुई। इसमें माणिक साहा के नाम पर सहमति बनी और उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया।
शपथ ग्रहण समारोह आठ मार्च को होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहेंगे।
इससे पहले अटकलें थीं कि केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। माणिक साहा संवेदनशील सीमावर्ती राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका रास्ता मजबूत कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो साहा अभी तक विवादों में नहीं रहे हैं। वह जनजातीय इलाकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस इलाके के लोगों ने ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग को लेकर टिपरा मोथा का समर्थन किया है।
इससे पहले पिछले साल मई में माणिक साहा को तत्कालीन सीएम बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया था। माणिक साहा ने 15 मई 2022 को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
माणिक साहा 2016 में कांगेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें 2020 में त्रिपुरा में पार्टी प्रमुख बनाया गया था। माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनने से एक महीने पहले ही राज्यसभा सांसद चुना गया था। उनके मुख्यमंत्री बनने बाद बिप्लब देब को राज्यसभा सांसद का चुनावा लड़ाया गया था, जिसे जीतकर वे उच्च सदन पहुंचे थे।
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी ने प्च्थ्ज् के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया था। चुनाव के नतीजों में भाजपा ने सूबे में अपनी सत्ता बरकरार रखी। भाजपा को 32 और आईटीएफटीक को एक सीट पर सफलता मिली थी। कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन को बड़ा झटका लगा। कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत हासिल की, जबकि लेफ्ट के खाते में 11 सीटें आईं। राज्य में 13 सीटें पहली बार चुनाव लड़ रही टिपरा मोथा पार्टी के खाते में गई।