मारे गए हाथियों को जंगल मे ही छोड़ने का निर्णय

Spread the love

देहरादून। कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों के हमले में मारे गए हाथियों को जंगल मे ही छोड़ने का निर्णय लिया गया है।
बाघों के भोजन को लेकर पार्क प्रशासन इस संबंध में एनटीसीए को पत्र भेजने की तैयारी कर रही है। पार्क में कई बार
बाघ ने हाथियों पर हमला किया है।
दरअसल, कॉर्बेट में 250 से अधिक बाघ हैं। हाथियों की संख्या 1230 के करीब है। पार्क के डायरेक्टर राहुल ने कहा
कॉर्बेट में बाघ लगातार हाथियों पर हमला कर रहे हैं।
कहा बाघ के हमले में कई हाथियों की जान गई है। उन्होंने कहा अब पार्क प्रशासन ने बाघ के हमले में मारे गये
हाथियों के शव को जंगल में ही छोड़ने का निर्णय लिया है।
कहा इससे जहां बाघों को आसान शिकार मिलेगा। वहीं, बाघों में आपसी संघर्ष कम होगा। उन्होंने कहा इस संबंध में
एनटीसीए को प्रस्ताव भेजने की कार्रवाई की जा रही है। प्रस्ताव पारित होने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
आपसी संघर्ष होगा कम ºकॉर्बेट में लगातार बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। उनका दायरा भी कम हो रहा है। कहा
इससे बाघों में आपसी संघर्ष भी बढ़ गया है। पांच सालों में ही करीब 25 बाघों की मौत हो गई है। कॉर्बेट में बाघों के
लिए भोजन की कमी नहीं है। विशेषज्ञ एजी अंसारी की मानें तो एक बाघ को हिरण और अन्य वन्यजीव के शिकार में
करीब 30 से 40त्न एनर्जिन लगता है। कहा हाथी का शिकार करना बाघ के लिए आसान होता है। इसलिए बाघ हाथी का
शिकार करना पसंद करता है।

कॉर्बेट में बाघों के हमले में मारे गए हाथियों को जंगल मे छोड़ने का निर्णय लिया गया है। इससे बाघों को पर्याप्त
भोजन मिल सकेगा। बाघ के हमलों से अलग बाघों का पोस्टमार्टम कर उन्हें दफनाया जाएगा।
राहुल, निदेशक, कॉर्बेट पार्क

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *