मासूम से कुकर्म के बाद हत्या करने वाले को फांसी, साक्ष्य छिपाने में मदद्गार पिता को चार और मां को तीन साल की सजा
रुद्रपुर । ट्रांजिट र्केप में पांच साल के मासूम से कुकर्म कर उसकी हत्या करने के आरोपित युवक को स्पेशल जज पाक्सो विजय लक्ष्मी विहान की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा हत्या में साक्ष्य छिपाने पर उसके पिता को चार साल की और मां को तीन साल की सजा सुनाई है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता पक्सो विकास गुप्ता ने बताया कि 19 फरवरी 2019 को ट्रांजिट र्केप, आजादनगर निवासी पांच साल का बच्चा लापता हो गया था। इस मामले में स्वजनों ने उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। 21 फरवरी की शाम को लापता मासूम बच्चे के स्वजनों ने ट्रांजिट र्केप पुलिस को तहरीर सौंप पड़ोसी परिवार पर पुत्र को गायब करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि जब से उनका पुत्र लापता हुआ है पड़ोसी के व्यवहार में परिवर्तन है। पड़ोसी पप्पू का पुत्र हर्षस्वरूप उनके छत में लगी टंकी का ढक्कन खोल रहा था। आवाज होने पर जब वह छत पर गए तो वह भाग निकला और खुद को कमरे में बंद कर लिया था। इस पर पुलिस ने हर्षस्वरूप को गिरफ्तार कर पूछताछ की।
सख्ती से पूछताछ पर वह टूट गया और उसकी निशानदेही पर पुलिस ने लापता मासूम बच्चे की लाश बरामद कर ली। सहायक शासकीय अधिवक्ता पक्सो विकास गुप्ता ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मासूम बच्चे के साथ कुकर्म की पुष्टि हुई। पता चला कि कुकर्म के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। इस पर पुलिस ने हर्षस्वरूप के साथ ही उसके पिता पप्पू और मां रूपवती को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
तब से मामला स्पेशल जज पक्सो विजय लक्ष्मी विहान की अदालत में चल रहा था। मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने 11 गवाह पेश कर आरोपितों पर जुर्म सिद्घ कर दिया। जिस पर स्पेशल जज पक्सो विजय लक्ष्मी विहान की अदालत ने मासूम से कुकर्म कर हत्या करने के आरोपित हर्षस्वरूप पुत्र पप्पू को फांसी की सजा सुनाई। इसके अलावा हत्यारोपित को धारा 364 आईपीसी में सात साल की सजा और पांच हजार का जुर्माना, 201 आईपीसी में छह साल की सजा तथा पांच हजार का जुर्माना, 6 पक्सो एक्ट में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। जबकि साक्ष्य छिपाने पर न्यायालय ने उसके पिता पप्पू को चार साल की सजा और पांच हजार का जुर्माना तथा मां रूपवती को तीन साल की सजा और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।