शिक्षा के क्षेत्र में गणित का बहुत महत्व है : धन सिंह रावत
ऋषिकेश। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गणित का बहुत महत्व है। दैनिक जीवन में गणित काफी अहम है। शोधार्थियों को देश और प्रदेश को ध्यान में रखकर शोध कार्य करना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को फायदा मिले सके। शनिवार को श्रीदेव सुमन विवि के ऋषिकेश कैंपस में गणित विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, कुलपति प्रो. एनके जोशी, परिसर के प्राचार्य प्रो. महावीर सिंह रावत, गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अनीता तोमर, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रो. कंचन लता सिन्हा, डॉ. गौरव वाष्र्णेय ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्राचीन समय में हमारी शिक्षा व्यवस्था एक उच्च स्तर की शिक्षा व्यवस्था थी। वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य यही है। वर्तमान समय में प्रदेश के विश्वविद्यालयों को कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए। आधुनिक युग में सभ्यता का आधार गणित ही है। मातृभाषा के अलावा ऐसा कोई विषय नहीं है, जो दैनिक जीवन में इतना अधिक महत्वपूर्ण हो। गणित को व्यापार का प्राण एवं विज्ञान का जन्मदाता माना जाता है। उन्होंने अह्वान किया कि शोधार्थियों को देश और प्रदेश में ध्यान में रखकर शोध कार्य करना चाहिए।
वर्तमान समय में छात्रों की घटती संख्या एक चिंतनीय विषय है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जितनी अहम भूमिका एक प्राध्यापक की है, उतनी ही भूमिका अभिभावक की भी है। उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए ऑडिटोरियम, मानक के अनुसार पदों के प्रस्ताव को उच्च शिक्षा विभाग को भेजने के लिए कुलपति से कहा और कहा कि हम अगले सत्र में बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन करवाएंगे। श्रीदेव सुमन विवि को धन की कमी नहीं होने देंगे। लक्ष्य 2024 तक 50 प्रतिशत लोगों को उच्च शिक्षा ग्रहण कराना है। कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा कि आधुनिक युग विज्ञान का युग है। आर्थिक तथा सामाजिक प्रगति भी विज्ञान की ही देन है। परंतु विज्ञान भी गणित के बिना नहीं चल सकता। प्राचार्य प्रो. महावीर सिंह रावत ने कहा कि मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए गणित शिक्षण का अत्यंत महत्व है। जैसे ही गणित की कोई समस्या आपके समक्ष आती है, तो आपका मस्तिष्क समस्या को समझने तथा उसे हल करने में क्रियाशील हो जाता है। गणित की हर समस्या के लिए मानसिक प्रयास की आवश्यकता होती है।
इस दौरान ईरान, ओमान, पाकिस्तान, रोमानिया, सऊदी अरब, ताइवान, तंजानिया, तुर्की और भारत के कई अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गणितज्ञों ने व्याख्यान एवं शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। मौके पर प्रो. वीके कटियार, प्रो. मधु जैन, प्रो. कोंस्तांतिन डोर्फ़मैन, प्रो. निहाल टस, डॉ. गौरव वाष्र्णेय आदि उपस्थित रहे।