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महबूबा मुफ्ती बोलीं- केंद्र सरकार द कश्मीर फाइल्स की आड़ में लोगों को उकसा रही, मुफ्त में बांटे जा रहे हैं टिकट

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जम्मू, एजेंसी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह लोग इसे क्यों प्रचारित कर रहे हैं। बीते आठ वर्षों में अगर इन लोगों ने कश्मीरी पंडितों की बेहतरी के लिए कुछ किया होता तो आज फिल्म की कहानी कुछ और होती। उन्होंने कश्मीर में आतंकी हिंसा की जांच के लिए एक आयोग के गठन का भी समर्थन किया और कहा कि भाजपा वाले तो आतंकियों को कंधार छोड़ने गए थे।
आज यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ बहुत बुरा हुआ है। उसकी हम सभी को बहुत तकलीफ है। मैंने खुद देखा है। कश्मीर में छत्तीसिंहपोरा में सिख मारे गए, डोडा में कई हिंदुओं का कत्ल हुआ, सैलां में मुस्लिमों को कत्ल किया गया और वहां जब एक औरत को गोली मारी गई थी तो वह एक बच्चे को जन्म दे रही थी। इस घटना में सुरक्षाबलों और सरेंडर आतंकियों का हाथ बताया जाता रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी एक वर्ग विशेष के साथ जुल्म की बात नहीं है, जम्मू कश्मीर में हरेक के साथ जुल्म हुआ है। जम्मू कश्मीर के लोग हिंदोस्तान, पाकिस्तान और आतंकियों की बंदूक के बीच आए हैं। कश्मीर पंडितों के पलायन पर फिल्म बनाई गई फिल्म बनाने वाले को पैसा कमाना है, उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि इससे समाज पर क्या असर होगा,लेकिन जिस तरह से भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे प्रचारित कर रहे हैं, वह किसी दूसरी तरफ इशारा करता है।
केंद्र सरकार श्द कश्मीर फाइल्सश् फिल्म की आड़ में लोगों को उकसा रही है। फिल्म लोगों को दिखाने के लिए मुफ्त में टिकट बांटे जा रहे हैं, सरकारी दफ्तर में मुलाजिमों को टुट्टियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर कश्मीरी पंडितों की कश्मीर वापसी और पुनर्वास के लिए कोई काम हुआ है तो वह मुफ्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्री रहते हुए उस समय हुआ जब केंद्र में डा मनमोहन सिंह की सरकार थी। कश्मीरी पंडितों के लिए रोजगार पैकेज घोषित किया गया,उनके लिए कश्मीर में ट्रांजिट आवासीय सुविधाओं का निर्माण शुरु किया गया। बीते आठ साल में अगर मौजूदा केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों की बेहतरी के लिए कुछ किया होता तो आज कश्मीर फाइल्स के बजाय कोइ्र और फिल्म बनती।फिल्म सिर्फ कश्मीर पर ही क्यों गुजरात और दिल्ली दंगो पर भी बननी चाहिए।
सिखों पर हुए जुल्म को भी दिखाया जाना चाहिए जो हिंदुघ् मारे गए उनकी बात भी होनी चाहिए। कश्मीर में आतंकी हिंसा के मुद्दे पर डा फारुक अब्दुल्ला द्वारा एक आयोग बनाए जाने के सुझाव का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। जांच आयोग बनना चाहिए। एक ट्र्रथ एंड रिकांसिलेशन कमीशन बने,जिसमें मुसलमान, कश्मीरी पंडित, हिंदु और सिख सभी शामिल हों। रूबिया सईद की रिहाई को आतंकी हिंसा में तेजी से जोड़े जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर भाजपा नेता आतंकी कमांडरोें को जहाज में बैठाकर कंधार छोड़ने गए थे।

 

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