कोटद्वार-पौड़ी

पौड़ी में आपदाओं से निपटने और तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए किया मॉक ड्रिल

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : बाढ़, भूस्खलन और आग जैसी किसी आपदा के समय बेहतर प्रबंधन और पूर्व तैयारी के आकंलन के लिए पौड़ी जिला प्रशासन ने गुरूवार को मॉक ड्रिल की। इस दौरान जिले में चिन्हित 4 स्थलों पर बाढ़, भूकंप, आगजनी, दुर्घटना और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर बचाव-राहत कार्य किए गए। डूंगरीपंथ के पास एक स्कूल, पंचायत घर व बारात घर भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए। यहां दस लोग फंसे थे, जिसमें से दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो गंभीर घायल व 6 लोगों को हल्की चोटे आई। वहीं सैनिक विश्राम गृह श्रीनगर में आगजनी घटना के दौरान 05 लोग गंभीर घायल व 02 लोगों की मौके पर हो गई। वहीं चमधार के पास बस व टैक्सी कार की टक्कर होने से टैक्सी कार नदी में जा गिरी, जिसमें 05 लोग सवार थे।
जिला प्रशासन ने पूरी मॉक ड्रिल को वास्तविक घटना की तरह लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया की। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. डॉ. आशीष चौहान खुद जिला मुख्यालय स्थित कंट्रोल रुम में डटे रहे तथा असल घटना की तरह ही आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी देखी। रिस्पॉन्सिबल ऑफिसर/जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान जिला मुख्यालय स्थित कंट्रोल रुम से घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाये हुए थे। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सम्भावित आपदाओं भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने तथा तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रील का आयोजन किया गया है। कहा कि इस प्रकार की मॉक ड्रील से आपदा प्रबंधन प्रणाली की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है। मॉक ड्रिल के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों व विभागों के बीच समन्वय और सहयोग का आकलन, आपदा प्रतिक्रिया योजनाओं और प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता का परीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा की यह मॉक ड्रिल सफल रही है। कहा कि मॉक ड्रिल में सभी चार घटनाक्रम में राहत एवं बचाव टीम द्वारा बेहतर कार्य किये गये हैं। मॉक ड्रिल में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिका जोशी, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, अधीक्षण अभियंता पीएस बृजवाल, एएसपी अनूप काला, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, डीएसटीओ राम सलोने आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश काला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

फील्ड में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं की पहचान
पौड़ी : जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मकसद आपदा के समय में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना था। इसमें प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों को जांचा गया, साथ ही फील्ड में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं की पहचान की गई। इससे प्राप्त सीख और अनुभव के आधार पर आगे सुधारात्मक कदम उठा कर आपदा प्रबंधन योजना को और कारगर बनाने में मदद मिलेगी।

ये रहा मॉक ड्रिल का घटनाक्रम
पौड़ी : मॉक ड्रिल में गुरुवार सुबह करीब 10 बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि डूंगरीपंथ के पास एक स्कूल, पंचायत घर व बारात घर भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। सूचना मिलते ही तमाम अधिकारी कर्मचारी अपने-अपने दायित्व के मुताबिक कार्यों में जुट गए। स्कूल क्षतिग्रस्त होने से 10 लोग फंसे हुए थे, जिनमें 06 घायलों व 4 गंभीर घायलों को श्रीकोट अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया। जहां उपचार के दौरान 02 लोगों की मृत्यु हुई। वहीं सैनिक विश्राम गृह श्रीनगर में आगजनी घटना के दौरान 05 लोग गंभीर घायल व 02 लोगों की मौके पर मृत्यु हुई, जबकि 30 लोगों को राहत व बचाव दल द्वारा रेस्क्यू कर सकुशल बाहर निकाला गया। वहीं चमधार के पास बस व टैक्सी कार की टक्कर होने से टैक्सी कार नदी में जा गिरी, जिसमें 05 लोग सवार थे। इस दौरान एसडीआरएफ व जल पुलिस द्वारा नदी में बहे लोगों को रेस्क्यू किया गया। जबकि धारी देवी के पास मिनी गोवा में बस व कार की टक्कर होने से बस खाई में गिरी, जिसमें 02 लोग नदी में बह गए जिन्हें बचाव दल द्वारा रेस्क्यू किया गया।

आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर
पौड़ी : इस पूरे घटनाक्रम में आपदा प्रबंधन योजना, रेस्क्यू ऑपरेशन, आपात संचार प्रणाली, विभागीय तालमेल, आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल, संसाधन मैपिंग, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, स्वास्थ्य व्यवस्था, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया।

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