मोदी सरकार पर बढ़ रहा है मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव, तोमर के पास 4 और 5 मंत्री संभाल रहे हैं तीन-तीन मंत्रालय
नई दिल्ली , एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी मंत्रिपरिषद के विस्तार का दबाव बढ़ने लगा है। अपने दूसरे कार्यकाल के सवा साल में सरकार से चार मंत्री कम हो गए हैं। इनमें तीन कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। इससे मौजूदा मंत्रियों पर काम का दबाव बढ़ा है। एक मंत्री के पास चार मंत्रालय है, जबकि पांच मंत्री तीन-तीन मंत्रालयों को संभाल रहे हैं।
पिछले साल लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को नए मंत्रिमंडल के साथ अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था। मोदी के साथ 57 मंत्रियों ने शपथ ली थी, इनमें 24 कैबिनेट, नौ राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्य मंत्री शामिल थे। तब से अब तक सवा साल के कार्यकाल में सरकार का एक भी विस्तार या फेरबदल नहीं हुआ है। जबकि चार मंत्री कम हो गए हैं।
दो मंत्रियों के इस्तीफे, दो का निधन
दरअसल, भाजपा के दो सहयोगी दलों शिवसेना और अकाली दल ने सरकार से नाता तोड़ा और दोनों के एक-एक कैबिनेट मंत्री ने सरकार से इस्तीफा दे दिया। शिवसेना के अरविंद सावंत और अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने अपने इस्तीफे दिए थे। अब लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद एक और कैबिनेट मंत्री का पद रिक्त हो गया है। इसके पहले रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाड़ी के निधन से सरकार में एक पद खाली हुआ था।
कुछ मंत्रियों का काम बढ़ा
इसके चलते कुछ मंत्रियों पर काम का बोझ बढ़ा है। उन्हें एक साथ कई मंत्रालय संभालने पड़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास चार मंत्रालय षि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय हैं। जबकि पांच मंत्री रविशंकर प्रसाद, डा. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और प्रकाश जावड़ेकर तीन-तीन मंत्रालयों को संभाल रहे हैं। मोटे तौर पर सरकार में लगभग 70 मंत्रियों के साथ कामकाज होता है और पिछली मोदी सरकार में भी लगभग इतने ही मंत्री काम कर रहे थे।
भाजपा संगठन में बदलाव का भी होगा असर
आमतौर पर सरकार गठन के एक साल में मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल होता है, लेकिन इस बार सरकार को सवा साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस बीच कोरोना संक्रमण के चलते कई चीजें बदली हैं और कामकाज के तरीके से लेकर अन्य बदलाव भी किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार और फेरबदल होने की संभावना है। हाल में भाजपा संगठन की नई टीम आने के बाद भाजपा के भी कुछ नेताओं को सरकार में जगह मिलने की संभावना है।