मोदी ने युवाओं से सीमावर्ती गांवों में जाने का किया आग्रह, कहा-विभिन्न संस्कृतियों को जानने का मिलेगा अनुभव
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को जीवंत रखने के लिए हर अवसर पर सभी को इसका महत्त्व समझाते हैं। पीएम मोदी महान राष्ट्र की परंपरा, वैचारिक स्थापना और संस्कार की सरिता आदि को अक्सर मजबूती देने का प्रयास करते हैं। इसी क्रम में एक बार फिर उन्होंने मंगलवार को देश के युवाओं से ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) के हिस्से के रूप में सीमावर्ती गांवों का दौरा करने का आग्रह किया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से युवा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत किए जा रहे एक कार्यक्रम के बारे में ट्वीट कर बताया गया कि ओडिशा के युवा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत रुणाचल प्रदेश के किबिथू और तूतिंग गांवों के दौरे पर हैं। ट्वीट में आगे कहा गया कि यह प्रोग्राम युवाओं को इस पूर्वोत्तर क्षेत्र की जीवन शैली, जनजातियों, लोक संगीत और हस्तशिल्प के बारे में जानने तथा इसके स्थानीय जायके और प्राकृतिक सुंदरता में खुद को तल्लीन करने का अवसर दे रहा है।
अमृत महोत्सव के हैंडल से किए गए एक ट्वीट का जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “मैं दूसरों से, विशेष रूप से भारत के युवाओं से सीमावर्ती गांवों का दौरा करने का आग्रह करूंगा। यह हमारे युवाओं को विभिन्न संस्कृतियों से परिचित कराएगा और उन्हें वहां रहने वालों के आतिथ्य का अनुभव करने के लिए एक अवसर देगा।”
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए विशेष रूप से सड़क संपर्क के लिए 2,500 करोड़ रुपये सहित 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय घटकों के साथ वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मंजूरी दी है।
बात करें वीवीपी की, तो यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2,967 गांवों की पहचान की गई है।