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मानसून सत्र में हंगामे की बारिश तय! विपक्ष इन मुद्दों को बना सकता है हथियार

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नई दिल्ली, एजेंसी। आज से संसद का मनसून सत्र शुरू हो रहा है। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों की तीखी बरसात होने के पूरे आसार हैं। अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष की बातों में तमाम चीजों को लेकर असंतोष नजर आया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट कहा कि मनसून सत्र के दौरान समय काफी कम है। वहीं चर्चा करने के लिए ढेर सारे मुद्दे हैं। आइए जान लेते हैं कि आखिर वो कौन से मुद्दे हैं, जिन पर विपक्ष ने पहले से ही आस्तीन चढ़ा रखी है।
सर्वदलीय बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने विपक्ष के नेताओं पर ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर सवाल उठाया। उनका कहना था कि बीते दिनों में कई नेताओं पर ईडी के छापे पड़े हैं। खड़गे के इस बयान से अनुमान लगाया जा रहा है कि मनसून सत्र के दौरान विपक्ष इस मुद्दे पर काफी ज्यादा मुखर रहने वाला है। वहीं खड़गे ने महंगाई के मुद्दे को भी उठाने की बात कही। गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त में महंगाई दर काफी ज्यादा रही है। गौरतलब है कि सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद कहा कि सरकार संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
खड़गे ने कहा कि हमने सर्वदलीय बैठक में कुल 13 मुद्दे उठाए हैं। इसमें अग्निपथ स्कीम भी शामिल है। गौरतलब है कि अग्निपथ स्कीम लांच होने के बाद से ही विपक्ष के निशाने पर है। इसको लेकर विभिन्न प्रदेशों में खूब प्रदर्शन भी हुए थे। वहीं कांग्रेस ने इसको लेकर धरना-प्रदर्शन भी दिया था। जहां-जहां पर भी विपक्ष को मौका मिलता है वह अग्निपथ स्कीम को लेकर सरकार को कोसने का मौका नहीं छोड़ती। ऐसे में मनसून सत्र के दौरान भी विपक्ष इस मुद्दे पर ध्यान खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में पूछा कि संसद सत्र में 14 दिन में 32 विधेयक कैसे पारित होंगे जिन्हें सरकार ने कार्यसूची में रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार क्या करना चाह रही है?
इसके अलावा विपक्ष ने चीन की घुसपैठ को लेकर भी सरकार पर निशाना साध रखा है। अल पार्टी मीट के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह चीन की घुसपैठ के अलावा विदेश नीति पर भी सरकार से सवाल पूटेंगे। साथ ही यह भी कहा कि फरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में बदलाव, जम्मू कश्मीर और कश्मीरी पंडितों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की मांग रखी गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद ट्वीट किया कि आज सर्वदलीय बैठक में अनेक राजनीतिक दलों ने एक तरफ राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए श्रेय लेने और दूसरी तरफ वन अधिकार अधिनियम, 2006 को समाप्त करने के मोदी सरकार के विरोधाभासी रुख की ओर इशारा किया। इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का समर्थन करने वाले दल भी शामिल रहे। इससे पहले रमेश ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई।

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