कुम्भीचौड़ वार्ड नंबर 2 में अधिकांश स्ट्रीट लाईटें खराब, परेशान लोग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम जनता को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पा रहा है। जहां एक ओर वार्डों में लगाई गई अधिकांश स्ट्रीट लाईटें खराब पड़ी हुई है, वहीं मुख्य चौराहों सहित सड़कों के किनारे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते है। नगर निगम के वार्ड नंबर दो कुंभीचौड़ में लगाई गई अधिकांश स्ट्रीट लाइटें पिछले काफी समय से खराब पड़ी हुई है। लोगों की शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है।
एक तरफ सरकार जहां हर घर बिजली पहुंचाने को कृतसंकल्पित हैं। वहीं आज भी वार्ड नम्बर दो में दर्जनों एलइडी स्ट्रीट लाइट खराब होने से इसका लाभ वार्ड वासियों को नहीं मिल पा रहा है। कुंभीचौड़-सनेह मोटर मार्ग पर कुंभीचौड़ से गूलर पुल तक अधिकांश स्ट्रीट लाईटें काफी समय से खराब है। कुछ जल भी रही है तो उनकी रोशनी बहुत ही कम है। जिसके कारण लोग रात के अंधेरे में आने जाने को विवश हैं। कभी-कभी तो रात के अंधेरे में जर्जर सड़कों से आने जाने के दौरान गिरकर घायल हो जाते हैं। स्थानीय निवासी मुकेश, दीपक, गौरव ने बताया कि वार्ड के लगभग सभी चौराहों सहित मुख्य मार्गो पर स्ट्रीट लाईटें लगाई गई, लेकिन इसकी देखरेख के अभाव में अधिकांश खराब है। यहां रात होते ही सड़क पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। इससे महिलाओं को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी शिकायत नगर निगम से लेकर वार्ड के पार्षद तक को की गयी। बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। कुंभीचौड़ से गूलर पुल की ओर जाने वाली सड़क पर लगभग आठ स्ट्रीट लाईट खराब है। वार्डों में छाए अंधेरे से लोगों में चोरी का भय बना रहता है।
नगर निगम के वार्डों में रोशनी के लिए लाखों की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइट मात्र शोपीस बनकर रह गई हैं। हालत यह है कि अधिकांश वार्डों में लाइटें कुछ दिन उजाला देने के बाद बंद हो गई हैं। सबसे अधिक परेशानी निगम में शामिल नए वार्डों में बनी हुई है। लोगों की शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। शिकायत के बाद भी निगम के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते हैं, जिससे लोगों में रोष बना हुआ है। नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त संजय सिंह का कहना है कि वार्डों में स्ट्रीट लाइट खराब होने की सूचना मिली है। लाइट की मरम्मत के लिए मौके पर कर्मचारियों को भेजा गया है। जल्द ही समस्या का निराकरण कर लिया जाएगा।
महिलाओं को असुरक्षा का भय
लोगों का कहना है कि सड़कों और गलियों में अंधेरे से सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को होती है। ऐसे में कई जगहों पर हर समय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। यहां महिलाओं को कोई अप्रिय घटना होने का भय बना ही रहता है। लोगों का कहना है कि अंधेरे में डूबी सड़कों के कारण वे अपने घर के बाहर के बल्व रात के समय में जला देते हैं। जिससे उनके घरों का बिल भी ज्यादा आता है। लोगों ने नगर निगम से जल्द से जल्द खराब स्ट्रीट लाईटों की मरम्मत कराने की मांग की है।