मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में सतपुली-सिसलडी मार्ग की हालत खराब, युवाओं ने उठाया जिम्मा
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। पहाड़ में अधिकांश सड़के बुरी तरह से खराब हो चुकी है। सरकार नई सड़के तो बना रही है पर पुरानी सड़को की मरम्मत नहीं करा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के गांव से लगती सड़कों के भी बुरे हाल है तो अन्य जगहों पर क्या हालत होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। सतपुली-सिसलडी जाने वाली सड़क पर जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए है। सरकार की अनदेखी से क्षेत्र के युवाओं ने सड़क की दशा को सुधारने का जिम्मा उठाया है। समाजसेवी अनिल रावत के नेतृत्व में युवा सड़क किनारे उगी झाड़ियों को काटने के साथ-साथ गड्ढों को भी भर रहे है।
सतपुली-सिसलडी जाने वाली सड़क की दयनीय हालत बनी हुई है। यह सड़क मुख्यमंत्री के गांव खैरा से जा रही है। जो 1992 में 36 किलोमीटर बनी थी। जहां ये मार्ग एक तरफ से सतपुली होते हुए जिला मुख्यालय पौड़ी से जुड़ता है वहीं दूसरी और ताड़केश्वर, रिखणीखाल, कोटद्वार को जोड़ता हैै इस पर एक बार डामरीकरण हुआ था और फिर बीच में 12 किलोमीटर पर डामरीकरण किया गया था लेकिन वो भी कई जगहों पर उखड़ चुका है। सड़क की हालत इतनी बुरी है की करीब 7 अधिक पुस्ते टूटे हुए हैं। आलम यह है कि कई महीनों से झाड़ियां भी नहीं कटी है। समाजसेवी अनिल रावत का कहना है कि झाड़ी काटने के लिए इन युवकों को आधुनिक कटर इन्द्रजीत असवाल ने दिये है। उन्होंने कहा कि सरकार तो कार्य कर रही है पर लोक निर्माण विभाग लैंसडौन के अधिकारी कुम्भकर्ण की नींद सो रखे है और ये कब जागेंगे पता नहीं। समाजसेवी अनिल रावत के साथ झाड़ी कटान व खड्डे भरने में सावन सिंह रावत, यशवंत नेगी, अनूप नेगी, साजन, शकुंतला देवी, भुन्द्रा देवी, पूजा देवी, उषा देवी, संगीता देवी, सुषमा देवी, सुनील सिंह, जितेन्द्र हैप्पी, आशु, संजय उर्फ उटीन, सूरज, ऋषभ, लक्की सहित अन्य युवा सहयोग कर रहे है।