मूलभूत सुविधा पेयजल के लिए तरसे जवाड़ियूंरौल के ग्रामीण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। रिखणीखाल ब्लॉक की ग्रामसभा कांडा का वार्ड नंबर एक का तोक ग्राम जवाड़ियूंरौल के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधा पेयजल के लिए तरस रहे है। गांव में भी तक पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिस कारण लोग पलायन करने को मजबूर है।
उत्तर प्रदेश की सरकार हो या बीस साल से उत्तराखंड की सरकार, प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य किसी ने भी धारकोटी और जवाड़ी में निवासरत चालीस परिवारों के लिए पेयजल योजना की सुध नहीं ली। गौरतलब है कि जवाड़ियूंरौल में साठ मतदाताओं ने हर चुनावों में मतदान का प्रयोग किया, लेकिन चुने प्रतिनिधियों ने कभी इनकी गुहार नहीं सुनी। क्षेत्र पंचायत सदस्य विनीता ध्यानी ने बताया कि हंस फाउंडेशन की संस्थापिका माता मंगला व भोले महाराज से इस हेतु निवेदन कर प्राकलन/अनुमानित व्यय का विवरण भेजा है जिस पर वित्तीय स्वीकृति अपेक्षित है। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत भी अधिशासी अभियंता जल निगम कोटद्वार को भी सर्वेक्षण सहित शीघ्र निविदा कार्रवाई हेतु प्रस्तुत किया है। ग्रामीण 81 वर्षीया गोविंदी देवी व देवकी देवी, 86 वर्षीय भूपाल सिंह की पेयजल के इंतजार में आंखे तरस रही है। उक्त गांवों के ग्रामीण बरसात के समय बादलों से टपका पानी या कतेड़ागाड़ का पानी ही मजबूरन पीते है। यद्यपि कतेड़ागाड इस गांव की सरहद से जरूर गुजरती है, लेकिन वह लेशमात्र भी पीने योग्य नहीं है। यहां के लोगों की गागर कसेरी एक किमी दूर व वन चौकी निकट दो किमी दूर पतब्यडू का पानी लाना नियति बनकर रह गयी है।