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नैनीताल रंगमंच पर वृहद शोध की जरूरत : जहूर आलम

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हल्द्वानी। कुमाऊं विश्वविद्यालय की रामगढ़ स्थित महादेवी वर्मा सृजन पीठ द्वारा फेसबुक लाइव के जरिए नैनीताल रंगमंच विषय पर आयोजित ऑनलाइन चर्चा में वरिष्ठ रंगकर्मी एवं साहित्यकार जहूर आलम ने कहा कि नैनीताल रंगमंच पर वृहद शोध की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नैनीताल रंगमंच की स्थापना के साथ इसने अनेक उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन इस शहर में रंगमंच सदैव जीवित रहा है। नैनीताल में रंगमंच को जीवित रखने में शारदा संघ, सीआरएसटी, डीएसबी, युगमंच, प्रयोगांक आदि संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही है। रंगमंच की जो अत्यंत समृद्ध गौरवशाली परंपरा रही है, उस पर वृहद शोध की जरूरत है, जिससे इसका अभिलेखीकरण हो सके और उन्हें दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा जा सके। यहां पीठ निदेशक प्रो.गिरीष कुमार मौर्य, शोध अधिकारी मोहन सिंह रावत, डॉ. हरिसुमन बिष्ट, बल्ली सिंह चीमा, गीता गैरोला, डॉ.सिद्धेश्वर सिंह, रमेश चंद्र पंत, कुसुम भट्ट, मुकेश नौटियाल, विजया सती, अमिता प्रकाश, स्वाति मेलकानी, प्रबोध उनियाल, डॉ.गिरीश पांडे, डॉ.तेजपाल सिंह, डॉ.कमलेश कुमार मिश्रा, डॉ.डीएस मर्तोलिया, पंकज शाह, हिमांशु मेलकानी, दीपा पांडे, कमलाकांत पांडे, प्रदीप गुणवंत, शरद जोशी, गीता तिवारी आदि मौजूद रहे।

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