वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर हो हल्दूखाता चौराहे का नाम

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम के वार्ड नंबर 31 पदमपुर मोटाढाक के पार्षद सौरव नौडियाल ने हल्दूखाता चौराहे का नाम पेशावर कांड के नायक एवं स्वाधीनता संग्राम सेनानी वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के नाम पर रखने की मांग नगर निगम प्रशासन से की। पार्षद ने इस संबंध में नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार को ज्ञापन भी सौंपा है।
पार्षद सौरभ नौडियाल ने कहा कि विगत 60 वर्षों से पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का परिवार हल्दूखाता चौराहा में निवास करता है। उन्हें कृषि के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनभावना का सम्मान करते हुए हल्दूखाता चौराहा का नाम पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली का जन्म 25 दिसम्बर 1891 में पीठसैंण के निकट रोणैसेर ग्राम (पौड़ी गढ़वाल) के जथली सिंह के घर में हुआ था। 11 सितम्बर 1914 को लैंसडौन छावनी में 2/36 गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गये। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान पेशावर में जब पठान लोग आंदोलन कर रहे थे तब अंग्रेज अफसर रिकेट ने हुक्म दिया “गढ़वाली थ्री राउण्ड फायर” अर्थात् गढ़वाली तीन राउण्ड गोली चलाओ। हवलदार चन्द्रसिंह रिकेट की बायीं ओर खड़े थे। उन्होंने रिकेट के हुक्म के तुरन्त बाद हुक्म दिया गढ़वाली गोली मत चलाओ। सैनिकों ने चन्द्रसिंह का ही हुक्म माना और जुलूस की ओर बन्दूकें नीचे जमीन पर खड़ी कर दी। इसके पश्चात् साठ गढ़वालियों पर बगावत का आरोप लगाया गया। 12 जून, 1930 की रात को चन्द्रसिंह एवटाबाद जेल में भेज दिये गये। 1 अक्टूबर 1979 को चन्द्रसिंह गढ़वाली का लम्बी बीमारी के बाद देहान्त हो गया।

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