लोगों ने बीएलओ व निर्वाचन आयोग को ठहराया जिम्मेदार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर की छोटी सरकार बनाने कोे लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखा। सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर भीड़ उमड़ रही थी। ऐसे में कई ऐसे लोग भी थे और घर से मतदान करने के लिए निकले थे लेकिन, लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। मतदान से वंचित लोगों ने इसके लिए बीएलओ व निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराया।
गुरुवार सुबह आठ बजे से शहर में मतदान शुरू हो गया था। वोट डालने से पूर्व लोग बूथों पर स्थिति अपने वार्ड की लिस्ट में अपना नाम खोज रहे थे। अधिकांश बूथों पर लोगों का मतदाता सूची से नाम ही गायब था। ऐसे में उन्हें मायूस होना पड़ा। वार्ड नंबर 16 निवासी अरूण, संगीता, मनीष ने बताया कि पूर्व में उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया था। लेकिन, इस बार उनका लिस्ट में कही भी नाम नहीं है। कुंभीचौड़ निवासी गीता रानी, अरुण मिश्रा, वरूण मिश्रा ने बताया कि पूर्व में हर चुनाव में वह मतदान करते थे। लेकिन, निकाय चुनाव में मतदान लिस्ट से उनका नाम गायब हो चुका है। जबकि, पूर्व में घर-घर लिस्ट तैयार करने के लिए आने वाली प्रशासन की टीम को उन्होंने पर्याप्त दस्तावेज भी जमा करवाए थे। बालासौड़, पदमपुर व भाबर क्षेत्र के कई स्थानों पर तो एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम ही गायब थे। लोगों का आरोप था कि निर्वाचन विभाग मतदान के लिए जागरूक तो करता है। लेकिन, वोट लिस्ट को गंभीरता से तैयार नहीं करता है। ऐेसे में सैकड़ों लोग मतदान करने से वंचित रह गए।