नंदा देवी लोकजात शुरू, दशोली व बधाण की डोलियां पूजा अर्चना के बाद हुई रवाना
चमोली ।चमोली जिले के सिद्घपीठ कुरुड़ से मां नंदा देवी की लोकजात का शुक्रवार को आगाज हो गया है। इस दौरान मां नंदा की दोनों डोलियों को मंदिर से बाहर लाकर पूजा-अर्चना की गई। श्रद्घालुओं ने मां के जयकारे लगाए और डोलियों को मंदिर से रवाना करते वक्त मां को विदाई भी दी। कुरुड़ मंदिर से बधाण की मां नंदा डोली चरबंग व दशोली की मां नंदा डोली फरखेत गांव पहुंची। इस दौरान जगह-जगह गांवों में डोली की पूजा अर्चना व स्वागत किया गया।
सिद्घपीठ कुरुड़ में सुबह देवी की डोलियों की पूजा अर्चना के बाद जब डोलियों को मंदिर के बाहर लाया गया तो देवी का भूम्याल समेत अन्य देवी देवताओं से मिलन हुआ। इस दौरान देवी की पश्वा ने क्षेत्र की सुख, समृद्घि व खुशहाली का आशीर्वाद भी दिया। डोलियों के मंदिर प्रांगण से रवाना होने के बाद रात्रि में देवी जागरण का आयोजन किया गया।
कुरुड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष सेनि़क कैप्टन भागवत सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रशासन की ओर से दोनों डोलियों के साथ दो-दो पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। पुलिसकर्मी पूरी लोकजात के दौरान इन डोलियों के साथ तैनात रहेंगे। यात्रा में पुजारी मुंशीचंद्र गौड़, प्रेमचंद्र गौड, राजेंद्र प्रसाद, दिनेश प्रसाद, योगेंद्र प्रसाद, कुरुड़ मंदिर समिति के सचिव सुरेंद्र सिंह बिष्ट, संरक्षक सुरवीर सिंह रौतेला शामिल रहे।
इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते डोली का भ्रमण कार्यक्रम सूक्ष्म है। इसलिए नंदा देवी लोकजात में सीमित संख्या में श्रद्घालुओं को शामिल किया गया है। तेफना में मां नंदा देवी की पूजा-अर्चना के साथ ही श्रद्घालुओं ने कोरोना से मुक्ति व विश्व शांति के लिए प्रार्थना भी की। इस दौरान खेतों में उगाई गई मकई, ककड़ी सहित अन्य नई फसलों को प्रसाद के रूप में चढ़ाया गया।
नंदा के पुजारी योगेश गौड़ ने पूजा अर्चना संपन्न कराई। उन्होंने बताया कि सिद्घपीठ कुरुड़ नंदा देवी के खडग का अधिकार तेफना के थोकदारों को है। प्रतिवर्ष लोकजात के दौरान डोली या फिर टंतोली यहां आती है। यहां पर खडग पूजा के साथ नंदा की पूजा-अर्चना की जाती है।
इस अवसर पर हुकम सिंह रावत, इंद्र सिंह रावत, दीवान सिंह, वीरेंद्र सिंह रावत, रविद्र सिंह, विनोद सिंह, प्रेम सिंह राणा सहित कई लोग उपस्थित थे।