चीन सीमा के नजदीक लोगों को बसाने के लिए दी जाएगी नौतोड़ भूमि, 250 पद भरेगी सरकार
शिमला, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला स्थित सचिवालय में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट में 47 विभिन्न एजेंडों पर चर्चा हुई। कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया कि चीन शासित भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक लोगों को बसाने के लिए प्रदेश सरकार नौतोड़ जमीन देने की योजना बहाल करेगी। सीमा से सटे लोगों का निचले क्षेत्रों की ओर पलायन रोकने की दिशा में यह बड़ा फैसला है। कैबिनेट ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला, नगर परिषदों व नगर पंचायतों समेत विभिन्न संस्थानों में 250 से अधिक पद भरने की भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया कि प्रदेश सरकार एक छोटा हेलिकाप्टर लीज पर लेगी।
इसके लिए टेंडर केवल एक ही कंपनी ने लगाया है। पिछले करीब दो महीने से सरकार के पास अपना हेलिकाप्टर नहीं है। मुख्यमंत्री सुक्खू सड़क मार्ग से दौरे कर रहे हैं। वह भारी बारिश से हुई प्राकृतिक आपदा के समय एयरफोर्स या हरियाणा सरकार का हेलिकाप्टर ही इस्तेमाल करते रहे। जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ जमीन आवंटन की छूट वर्ष 2014 से 2018 के बीच दी गई थी। यह 2018 में ही बंद कर दी गई थी। अब हिमाचल प्रदेश नौतोड़ नियम 1968 को दो वर्षों के लिए कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्यपाल से अनुरोध किया जा रहा है कि वह संविधान के अनुच्छेद-पांच के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल कर इस अधिनियम को निलंबित करे, जिससे यह प्रावधान लागू हो पाए। जनजातीय क्षेत्रों में यह जमीन उन लोगों को दी जा सकती है, जिनके पास 20 बीघा से कम भूमि है।
कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते हुए जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पिछली सरकार के वक्त वर्ष 2014 में भारत के संविधान के अनुच्छेद-पांच के तहत राज्यपाल के पास जो शक्तियां हैं, उनका इस्तेमाल करते हुए नौतोड़ भूमि देने के लिए वर्ष 2014 से 2016 और 2016 से 18 तक वन संरक्षण अधिनियम को निलंबित किया गया। नेगी ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2018 में केवल एक ही व्यक्ति को लाभ दिया है और इस प्रावधान को भाजपा ने आगे नहीं बढ़ाया। अब इस संबंध में कैबिनेट की संस्तुति को राज्यपाल की संस्तुति के लिए भेजा जाएगा। अब इससे चीन सीमा के साथ लगते क्षेत्रों से पलायन नहीं होगा। इसमें कुछ शर्तें लागू होंगी। जैसे यह क्षेत्र नेशनल पार्क, अभयारण्य, संरक्षित क्षेत्र यानी कंजर्वेशन रिजर्व, सामुदायिक संरक्षित, वन संरक्षित और डीपीएफ के अंतर्गत नहीं होना चाहिए। नौतोड़ के लिए प्रस्तावित भूमि में खड़े पेड़ों की संख्या दो से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह भूमि केवल घरेलू उपयोग के लिए मिलेगी और संबंधित व्यक्ति की किसी भी प्रकार के वन अपराधों में संलग्नता नहीं होनी चाहिए।
मंत्रिमंडल ने इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय शिमला में ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी मेडिसन विभाग को कार्यशील करने तथा रोगियों की सुविधा के दृष्टिगत नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के अतिरिक्त 136 पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। इससे संबंधित सभी छह विभागों न्यूरोसर्जरी, रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी में तीन चरणों में चौबीसों घंटे सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।