नेताप्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश एयरलिफ्ट कर मेदांता अस्पताल भेजा
देहरादून। उत्तराखंड में नेताप्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश को आज दोपहर एयरलिफ्ट कर देहरादून से गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल के लिए भेजा गया। सरकार ने उनके लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कराई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रात ही इसके लिए यूकाडा के निदेशक को निर्देश दे दिए थे।
बता दें कि शनिवार कोहल्द्वानी से कोरोना का इलाज कराने के लिए दून के एक नामी अस्पताल में पहुंचीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को सरकार एक अदद कमरा नहीं दिला पाई थी। करीब साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद नाराज इंदिरा अस्पताल से वापस घरलौट आई थीं।इंदिरा हृदयेश की कोरोना रिपोर्ट शुक्रवार की देर रात पाजिटिव आई थी। इसके बार नेता प्रतिपक्ष ने दून स्थित मैक्स अस्पताल में उपचार कराना तय किया। बकौल इंदिरा शहरी विकास मंत्री ने मैक्स में बात की और सीएम ने हेलीकॉप्टर भेजा था।मैक्स में पहुंचने पर कहा गया कि आईसीयू में भर्ती किया जा सकता है।
इंदिरा के मुताबिक, आसीयू की उन्हें जरूरत ही नहीं थी। साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें कमरा नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्होंने तय किया कि वे दिल्ली मैक्स या अपोलो में इलाज कराएंगी। इसके लिए बात हो गई है।
सीएम, शहरी विकास मंत्री, डीएम के फोन आए लेकिन नहीं हुई व्यवस्था
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं, बस डाक्टरों ने निमोनिया की शिकायत बताई तो मेरी चिंता बढ़ गई। सीएम ने हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की, उसके लिए उनका धन्यवाद। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा था कि मैक्स में आपके लिए रूम की व्यवस्था हो गई है।
यहां आने पर साढ़े चार घंटे का इंतजार करने पर भी रूम नहीं मिला। सीएम, शहरी विकास मंत्री, डीएम सबके फोन आए, लेकिन रूम की व्यवस्था नहीं हुई। पूरी सरकार ही फेल साबित हुई। मैं अब सदन में इस मसले को उठाऊंगी। एक वरिष्ठ नागरिक और नेता प्रतिपक्ष तक की नहीं सुनी जा रही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी का क्या हाल हो रहा है।
इस संबंध में मैक्स वालों से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा था कि वे आईसीयू में रहें। नेता प्रतिपक्ष ने आईसीयू में रहने से इंकार कर दिया और अलग से एक कमरे की मांग की। -मदन कौशिक, शहरी विकास मंत्री